पुणे फिल्म संस्थान(एफटीआईआई) छात्र संघ ने यहां के परिसर में बीबीसी की विवादित डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की। यही नहीं, मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंसेस (टीआईएसएस) में भी इसे दिखाया गया है। एफटीआईआई स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने कहा है कि 26 जनवरी को बीबीसी की प्रतिबंधित डाक्यूमेंट्री “इंडिया : द मोदी क्वेश्चन” का हमने एफटीआईआई में स्क्रीनिंग की। इस मामले में एफटीआईआई के रजिस्टार सईद रबीहाशमी ने कहा है कि छात्रों के एक समूह द्वारा डाक्यूमेंट्री को दिखाए जाने की सूचना मिली है। इस मामले की जांच की जाएगी।
वहीं, एएनआई के अनुसार, मुंबई में टीआईएसएस प्रशासन की चेतावनी के बावजूद प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम (पीएसएफ) ने इस विवादित डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की, जबकि, इस डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग न करने के लिए टीआईएसएस ने एडवाइजरी जारी की थी। एडवाइजरी में इस तरह की गतिविधि होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी। डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के तुरंत बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इन संगठनों ने विरोध जताते हुए कहा कि यह देश के खिलाफ एक साजिश है। इसमें वामपंथी विचारधारा के लोग शामिल हैं। भाजयुमो ने इस मामले को लेकर टीआईएसएस प्रबंधन से मुलाकात की है।
पिछले कुछ दिनों में दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और आंबेडकर विश्वविद्यालय सहित कई शिक्षण संस्थानों में इस विवादास्पद डाक्यूमेंट्री को दिखाए जाने के प्रयास किये गये हैं। केरल में कांग्रेस ने इस डाक्यूमेंट्री को दिखाया था। केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह टि्वटर और यूट्यूब को इस डाक्यूमेंट्री के लिंक को ब्लाक करने का निर्देश दिया था। विदेश मंत्रालय ने इसे दुष्प्रचार सामग्री करार देते हुए कहा था कि इसमें तटस्थता की कमी है और औपनिवेशिक मानसिकता झलकती है। यह विवादित वृत्तचित्र गोधरा दंगों पर आधारित हैं।