कोरोना संक्रमण का हवाला देकर भारतीय सीमा सील करने के बाद नेपाल सामरिक तैयारी में जुट गया है। लॉकडाउन और सीमा विवाद के बीच ध्यान भटकाकर उसने पहले सीमा पर चौकसी बढ़ाई और फिर सीमावर्ती क्षेत्रों में अस्थायी बंकर बनाने शुरू कर दिए। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से लगती झूलाघाट सीमा से करीब एक किलोमीटर दूर उसने स्थायी बंकर भी तैयार कर लिया है। इसके अलावा बिहार से लगती सीमा पर भी बैरक बनाने में जुटा है।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, पिथौरागढ़ की गर्बाधार-लिपुलेख सड़क के चीन सीमा तक बनने के बाद से नेपाल का रवैया बदला हुआ है। पहले नेपाल ने भारतीय क्षेत्र कालापानी से लगते गुंजी, नाबी, कुटी, लिंपियाधुरा को अपना बताते हुए नया राजनीतिक नक्शा जारी किया। इस बीच कोरोना संक्रमण का हवाला देकर नेपाल ने 26 मार्च से भारत से लगती अपनी सभी सीमाओं को सील कर दिया। इसी के बाद असली खेल शुरू हुआ। नेपाल ने 1751 किमी लंबी सीमा पर तेजी से नेपाल सशस्त्र बल के बॉर्डर आउटपोस्ट (बीओपी) स्थापित करनी शुरू कीं। सीमावर्ती क्षेत्रों में अस्थायी बंकर का निर्माण शुरू कर दिया। पिथौरागढ़ के झूलाघाट के पास तो उसने स्थायी बंकर तैयार कर लिया। यहां करीब 50 सैनिकों के रहने और खाने-पीने का प्रबंध है।