रायपुर-छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों में कहानी सुनने और सुनाने का कौशल का विकास के लिए स्कूलों में कहानी त्योहार मनाया जाएगा। कहानी त्योहार विश्व कहानी दिवस 20 मार्च से प्रारंभ होकर एक सप्ताह तक चलेगा। प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक और गांव के बजुर्ग रोचक ढंग से शिक्षाप्रद और प्रेरक कहानियां बच्चों को सुनाएंगे और बच्चे भी कहानी सुनाने का अभ्यास करेंगे।स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम ने शिक्षकों एवं समुदाय से उनके बच्चों को कहानी सुनाते हुए पढ़ने के कौशल को विकसित करने का आव्हान किया है। उन्होंने कहा है कि कम से कम एक सप्ताह तक समुदाय के साथ मिलकर कहानी सुनने और सुनाने का त्यौहार मनाएं। कहानी त्योहार के लिए गांव और स्कूलों के आस-पास रहने वाले ऐसे बुजर्गों को कहानी सुनाने के लिए आमंत्रित करें जिन्हें रोचक और ज्ञानवर्धक कहानियां सुनाने का अनुभव है। उन्हें कुछ बेहतरीन स्थानीय कहानी का संकलन कर इसे बच्चों के बीच सुनाने का मौका दिया जाए। बड़े-बुजुर्ग एवं विद्यार्थी अपने जीवन से जुड़ी एवं अपनी बनाई गयी कहानी सुनाकर लोगों का मनोरंजन करें। स्कूली जीवन से जुड़ी तथा अन्य शिक्षाप्रद और नैतिक कहानियां सुनायी जा सकती है। कहानी त्योहार के लिए पुस्तकालय की कहानी पुस्तकों के अलावा स्थानीय स्तर पर तैयार कहानियों का वाचन भी कराया जा सकता है। इस दौरान बड़े-बुजुर्गों के द्वारा सुनाई जा रही कहानियों को बच्चों एवं शिक्षकों द्वारा लिखकर दस्तावेजीकरण किया जाए। कहानी वाचन के दौरान सभी बड़े-बुजुर्ग आपस में बच्चों के साथ बैठकर इस बात की पड़ताल करें कि उनके गांव या आसपास के क्षेत्रों के नाम कैसे पड़ें होंगे। राज्य में स्थानीय गीत-कहानियों को अभ्यास कर उनकी मोबाइल से बेहतर क्वालिटी की रिकार्डिंग करवाएं। यदि स्थानीय स्तर पर लोक-कलाकार हों तो उन्हें ऐसे गीत-कविताओं एवं कहानियों की रिकार्डिंग कर पोडकास्ट के लिए भेजने हेतु प्रेरित करें। ऐसे बेहतर गुणवत्ता की सामग्री को राज्य स्तर पर पोडकास्ट के माध्यम से प्रसारित करेंगे।