रायपुर। कोरोना ने हर किसी की सफलता की राह कठिन कर दी है। इसमें वह छात्र भी शामिल हैं असिसटेंट प्रोफेसर बनने के लिए राज्य पात्रता परीक्षा पास करने के बाद भी सहायक प्राध्यापक परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। इसका कारण पीजी की परीक्षाओं का सही समय पर नहीं हो पाना है। छात्रों ने अपनी मांग रखते हुए स्नातकोत्तर के छात्रों को सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण मार्च के बाद होने वाली लगभग सभी परीक्षाएं स्थगित और लंबित कर दी गई थीं। इसमें पोस्ट ग्रेजवेशन भी शामिल है। पीजी कर रहे उन छात्रों की आशाओं में पानी फिरता नजर आ रहा है जो सहायक प्राध्यापक पद के लिए आयोजित होने वाली राज्य पात्रता परीक्षा तो पास कर चुके हैं, लेकिन पीजी अंतिम की परीक्षाएं समय पर नही होने के कारण उनका रिजल्ट अब तक नहीं आया है ऐसे में उनके लिए सहायक प्राध्यापक परीक्षा के लिए पात्र हो पाना बड़ी कठिनाई भरा सफर हो गया है। आवेदनकर्ता अजय कुमार बताते हैं कि वह पीजी अंतिम वर्ष में हैं, जिसकी परीक्षा मार्च अप्रेल में हो जानी थी, लेकिन कोरोना के कारण स्नातकोत्तर की अंतिम वर्ष की परीक्षा भी नहीं हो पाई। अगर निधारित समय में परीक्षा होती या फिर इन छात्रों को जनरल प्रमोशन दिया जाता तो वह भी सहायक प्राध्यापक परीक्षा में शामिल हो पाते।
बता दें कि कोविड 19 के कारण यूजीसी के निर्देशानुसार सितंबर 2020 तक विश्वविद्यालय परीक्षाएं आयोजित करने एवं अक्टूबर 2020 तक परीक्षा परीणाम जारी करने के लिए निर्देश विश्वविद्यालय को दिए गए हैं इस लिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक प्राध्यापक भर्ती की तिथि घोषित करने के पहले ही छात्रों के पास स्नातकोत्तर की डिग्री होगी।
पीजी के इन छात्रों की मानें तो यूजीसी नोटिफिकेशन 13.06.18 के अनुसार सहायक प्राध्यापक के लिए 01.07.2021 से पीएचडी की डिग्री अनिर्वाय हो जाएगी ऐसे में सेट पास विद्यार्थियों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। छात्रों ने मांग की है कि स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के सेट पास विद्यार्थियों को लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में शामिल होने का अवसर दें।