दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में महज 11 साल के एक बच्चे ने कोर्ट के सामने अपने ही माता-पिता तलाक मांग लिया। दरअसल, पति-पत्नी में 9 साल से विवाद चल रहा था। दोनों ने एक-दूसरे पर कई केस किए हुए थे। दोनों के बीच तलाक का केस भी अंतिम चरण में था। इस टूटते हुए रिश्ते को बचाने के लिए 11 साल के बच्चे ने ऐसा किया कि माता-पिता न केवल तलाक का फैसला छोड़ दिया, बल्कि वे साथ रहने को भी तैयार हो गए।
तलाक के एक केस में कोर्ट की ओर से नियुक्त मध्यस्थता केंद्र में पति-पत्नी के बीच अंतिम सुनवाई थी। पति राजनीश और पत्नी सोनाली (दोनों परिवर्तित नाम) कोर्ट में मौजूद थे। सोनाली अपने साथ 11 साल के बेटे सोहन (परिवर्तित नाम) को भी लेकर आई थी। राजनीश और सोनाली से मध्यस्थ ने अंतिम बार पूछा कि क्या आप साथ रहना चाहते हैं। अगर, नहीं तो तलाक के अंतिम निर्णय के लिए आपकी केस फाइल को फैमिली कोर्ट में भेज दिया जाएगा। पति-पत्नी दोनों ने ही साथ रहने से इंकार कर दिया। इस पर वहां मौजूद सोहन की आंखों में आंसू आ गए। वहां मौजूद जज ने पूछा कि बेटा क्या हुआ? आप दोनों में से किसके साथ रहना चाहते हो?
सोहन ने मासूमियत से कहा कि जज अंकल मुझे मम्मी-पापा दोनों के साथ रहना है। ये दोनों साथ क्यों नहीं रह सकते? जज ने बच्चे को समझाते हुए कहा कि बेटा आपके मम्मी-पापा की आपस में नहीं बनती है। वे खुद ही साथ नहीं रहना चाहते, इसलिए उनका तलाक हो रहा है, ताकि वे अलग-अलग और खुश रह सकें। इस पर बच्चे ने कहा कि उसे ही अपने मम्मी-पापा से तलाक चाहिए। इसके बाद उसके माता-पिता मतभेद भूलाकर साथ रहने को तैयार हो गए।