झारखंड में मोबाइल चोरों का एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह बेरोजगार युवाओं को मोबाइल चोरी करने के लिए वार्षिक 10 लाख का पैकेज
नौकरी पर रखता है। यह सुनकर आपको शायद विश्वास नहीं हो, मगर यह बात शत-प्रतिशत सत्य है। इस गिरोह में नौकरी रहे युवा झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल समेत देश के कई राज्यों में सक्रिय हैं। यहां से चोरी किए गए मोबाइल बांग्लादेश में बेचे जाते हैं।
झारखंड के साहिबगंज जिले में बाबूपुर, महाराजपुर व महादेववरण गांव हैं। यहां मोबाइल चोर गिरोह का हेड आफिस है। यहां से जुडे मोबाइल चोर देश भर में फैले हुए हैं। गत दिनों पुलिस ने चोरी के 122 मोबाइल फोन तीनपहाड़ से बरामद किए गए थे। सभी ब्रांडेड कंपनी के महंगे मोबाइल थे। इन्हें झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल आदि राज्यों में चुराए गए थे। चोरी के इन मोबाइलों को बंगाल के रास्ते बांग्लादेश भेजने की तैयारी थी। मगर इसके पहले ही आरपीएफ के पदाधिकारियों को भनक लग गई। इस दौरान पकड़े गए आरोपियों में बिजली विभाग में तीनपहाड़ पर अनुबंध पर कार्यरत एक कर्मी भी था, जबकि दूसरा युवक एमए का छात्र था।
आरोपियों से पूछताछ में मोबाइल चोरों और चोरी का मोबाइल बेचनेवाले एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ। आरोपियों ने बताया कि इनका सरगना मोबाइल चोरी करने के लिए मासिक वेतन देता है। उसने मोबाइल चोरी के लिए पांच से 10 लाख के सालाना पैकेज पर विधिवत नौकरी दे रखा है। इसके अलावा उनके रहने-खाने आदि की व्यवस्था भी सरगना ही करता है। चोरी कर लाए गए मोबाइल बांग्लादेश और बंगाल में खपाए जाते हैं। शेष को स्थानीय स्तर पर बेचा जाता है।
जांच के दौरान यह भी पता चला कि बाबूपुर, महाराजपुर व महादेववरण के दर्जनों किशोर महानगरों में सक्रिय हैं। इसके लिए गिरोह का सरगना बच्चों के अभिभावक से गैर न्यायिक पेपर पर अनुबंध करता है। इसमें व्यापार में सहयोग के लिए साथ ले जाने का जिक्र रहता है। इसके एवज में भुगतान की जाने वाली राशि का भी उल्लेख होता है। यह अनुबंध एक, दो और तीन साल के लिए होता है। अनुबंध में अंकित राशि बच्चों को ले जाने से पहले उनके अभिभावक को दे दी जाती है। अनुबंध में इसका उल्लेख होता है कि बीच में बच्चे घर लौट गए तो पूरी राशि ब्याज के साथ लौटानी होगी। इसके बाद बच्चों को ले जाकर पूरी ट्रेनिंग दी जाती है। फिलहाल पुलिस इस मामले में कुछ कहने से परहेज कर रही।
12 दिसंबर 2020 को पुलिस ने गोड्डा जिले के एक युवक को पकड़ा। उसके पास से चोरी के 14 एंड्रायड मोबाइल मिले। उसने बताया कि वह अंग्रेजी विषय में स्नातक व बीएड कर चुका है। वह बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था। इस दौरान वह मोबाइल चोरी के गिरोह के संपर्क में आया और उनसे प्रभावित होकर चोरी का मोबाइल बेचने की दुकान खोल ली। तीन पहाड़ से तो पूरा गैंग संचालित हो रहा है। पूर्व में पूछताछ में सरगना के तौर पर संजय, राजा महतो उर्फ नेनुआ आदि के नाम सामने आए, लेकिन पुलिस अभी तक इन अपराधियों तक पहुंच नहीं पाई है।