कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की विश्वभारती यूनिवर्सिटी के शताब्दी कार्यक्रम में हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर से लेकर स्वामी विवेकानंद तक का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के आंदोलन में विश्वभारती यूनिवर्सिटी का योगदान है, जिसने हमेशा राष्ट्रवाद की प्रेरणा दी।
-मोदी ने बताया गुरुदेव का गुजरात कनेक्शन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुरुदेव की बड़े भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर की नियुक्ति गुजरात में हुई थी. तब रवींद्र नाथ टैगोर उनसे मिलने अहमदाबाद में आते थे, वहां पर ही उन्होंने अपनी दो कविताओं को लिखा था. गुजरात की बेटी भी गुरुदेव के घर बहू बनकर आई थी. सत्येंद्र नाथ टैगोर की पत्नी ज्ञानेंद्री देवी जब अहमदाबाद में रहती थीं, तब उन्होंने देखा कि वहां महिलाएं साड़ी का पल्लू दाईं ओर रखती थीं, तब उन्होंने बाएं कंधे पर साड़ी का पल्लू रखने की सलाह दी जो अब तक जारी है.
-छात्रों को पीएम मोदी ने दिया टास्क
पीएम मोदी बोले कि कोरोना काल के कारण इस बार विश्वभारती के मेले का आयोजन नहीं हुआ. विश्वभारती के छात्र-छात्राएं पॉश मेले में आने वाले लोगों से संपर्क करें, कोशिश करें कि उनकी कलाकृतियां कैसे ऑनलाइन तरीके से बेची जा सकती हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि गुरुदेव कहते थे कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अकेला चलना हो, तो चल पडि़ए. जब आजादी का आंदोलन चरम पर था, तब बंगाल उसे दिशा दे रहा था. लेकिन साथ ही बंगाल ने संस्कृति के क्षेत्र में भी काम किया.
-आत्मनिर्भर भारत का संदेश
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रामकृष्ण परमहंस के कारण देश को स्वामी विवेकानंद मिले, स्वामी जी भक्ति-ज्ञान और कर्म को अपने में समाए हुए थे. भक्ति आंदोलन के बाद कर्म आंदोलन आगे बढ़ा, जिसमें कई योद्धाओं ने विदेशी आक्रांताओं को रोका जो बाद में आजादी का आंदोलन बना। पीएम मोदी बोले कि अंत में ज्ञान का संगम होने से आजादी का आंदोलन तेज हुआ। वैचारिक आंदोलन भी खड़ा किया गया और भविष्य के बारे में सोचा गया।