
मध्य प्रदेश सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के बनाए गए फीस एक्ट में बदलाव का विधेयक विधानसभा में पेश कर दिया है। इसके मुताबिक 25 हजार रुपए सालाना फीस लेने वाले स्कूल इस कानून के दायरे में नहीं आएंगे। ऐसे स्कूल जिनकी सालाना फीस 25 हज़ार रुपए या उससे कम है, उन्हें फीस बढ़ाने के लिए जिला समिति की अनुमति नहीं लेना होगी। नए कानून में स्कूल बस वा मिनी बस के किराए को स्कूल फीस में शामिल किया गया है।
मध्य प्रदेश में 35 हजार प्राइवेट स्कूल है। नया कानून लागू होगा तो 17 हजार स्कूल इसके दायरे से बाहर हो जाएंगे। विधानसभा से पारित होने के बाद विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभिभावकों से कम फीस लेने वा स्कूल यदि 10 फीसदी से ज्यादा फीस में वृद्धि करते है, तो अभिभावकों पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ता। यदि अभिभावकों से ज्यादा फीस लेने वाले स्कूल 10 फीसदी से ज्यादा फीस बढ़ाते हैं, तो आर्थिक भार पड़ता है।