संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन की अगुआई कर रहे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के बयान से किनारा कर लिया है। दरअसल टिकैत ने 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली कूच करने का ऐलान किया था। संयुक्त किसान मोर्चा ने टिकैत के बयान को निजी बताते हुए साफ किया है कि मोर्चा की ऐसी रणनीति नहीं है। फिलहाल मोर्चा के 27 फरवरी तक के कार्यक्रम तय हैं और 28 फरवरी को होने वाली बैठक में अगली रणनीति तय की जाएगी। खास बात यह है कि इससे पहले फसलों को तबाह करने के टिकैत के बयान का विरोध हो चुका है। किसान संगठन फसलों को तबाह नहीं करने की अपील कर रहे हैं।
राकेश टिकैत द्वारा फसलों को आग लगाने के बयान के बाद अब तक दर्जनभर किसान अपनी फसलों को तबाह कर चुके हैं, जिससे संयुक्त किसान मोर्चा की चिंता बढ़ गई है। कुंडली धरने पर मौजूद अखिल भारतीय स्वामीनाथन कमेटी संघर्ष समिति के प्रमुख विकल्प आचार्य ने कहा कि फसलों में आग लगाना, उन्हें तबाह करना या आत्महत्या करना आंदोलन का तरीका नहीं है। फसलें हमारे बच्चों की तरह हैं। कोई भी व्यक्ति ऐसा न करे। फसलें तबाह करना किसी का निजी बयान हो सकता है, यह संयुक्त मोर्चा का फैसला नहीं है। मोर्चा के सदस्य जगजीत सिह दल्लेवाला ने साफ किया कि फिलहाल दिल्ली कूच का कोई कार्यक्रम नहीं है और न ही इसकी कोई तैयारी की जा रही है। मोर्चा की आगामी बैठक में यह तय होगा कि अगले 15 दिनों के क्या कार्यक्रम रहेंगे।
दल्लेवाला ने भी स्पष्ट किया कि फसल बर्बाद करने का कोई कार्यक्रम मोर्चा की ओर से नहीं सुझाया गया है। मोर्चा तो किसानों को यही सलाह दे रहा है कि किसी भी सूरत में अपनी फसल बर्बाद न करें। वहीं, गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भी कहा कि किसान अपनी फसलों को बच्चे की तरह पालते हैं, ऐसे में उन्हें बर्बाद किया जाना सरासर गलत है। हालांकि किसान नेताओं की अपील का असर किसानों पर नहीं हो रहा है। वे अपनी फसलों को तबाह कर रहे हैं।
सिलाना गांव में तीन किसानों ने अपने खेत में खड़ी गेहूं की फसल को नष्ट किया। किसान मंजीत ने फसल पर ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया तो किसान संजय व बलजीत ने गेहूं की फसल को दरांती से काट दिया। इससे पहले सेहरी गांव निवासी बलवान नंबरदार ने भी अपनी दो एकड़ खड़ी फसल में ट्रैक्टर चला दिया था।