EKhabri (प्रीति शुक्ला)। इंसान के पास जरुरत की सब चीज अमुमन होती है पर मन के लालच का कोई अंत नहीं। मन की गति से तेज कुछ भी नहीं इसलिये उसे काबू में रखना जरा मुश्किल काम है।
हम जब भी कुछ नया देखते हैं तो मन ललचा जाता है। दिल करता है उसके पीछे चल पड़ो। पर मन की यही बात खतरनाक है। हम हर चीज के पीछे अगर चल पड़ेंगे तो अपने लक्ष्य से भटक जाएंगे।
इसलिये चाहे जीतना भी लालच आपको लगे अपने मन को संभाले और अपने निश्चय पर अटल रहे। वैसा भी ज्यादातर चीज का मोह समय के साथ खत्म हो ही जाता है।