कश्मीर के शोपियां जिले के बटगुंड में कश्मीरी हिंदुओं की बस्ती में हमला करने की फिराक में आए आतंकियों को सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में जान बचाकर भागना पड़ा। यह आतंकी कश्मीरी हिंदुओं की घाटी में वापसी को रोकने की साजिश के तहत हमला करने के प्रयास में थे। इन आतंकियों की धरपकड़ के लिए सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान चलाया है।
आतंकी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम ने बीते दिनों कश्मीरी हिंदुओं और गैर मुस्लिमों को घाटी छोड़ने की धमकी दी थी। बीते एक पखवाड़े के दौरान शोपियां और कुलगाम में किसी कश्मीरी हिंदू या किसी अल्पसंख्यकों के इलाके में सुरक्षा चौकी पर हमले की यह तीसरी घटना है। इससे पहले पांच अप्रैल को आतंकियों ने शोपियां चोटीगाम इलाके में कश्मीरी हिंदू बालकृष्ण उर्फ सोनू को गोली मारकर जख्मी कर दिया था। इसके बाद 13 अप्रैल को आतंकियों ने कुलगाम में सतीश सिंह जम्वाल की उसके घर में घुसकर हत्या कर दी थी।
बटगुंड में कश्मीरी हिंदुओं के तीन से चार परिवार ही रहते हैं। इन परिवारों की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए एक सुरक्षा चौकी भी स्थापित है। इसे माइनारिटी सिक्योरिटी पिकेट कहते हैं। आतंकियों ने सुबह करीब साढ़े नौ बजे एक बाग के रास्ते अल्पसंख्यकों के घरों की तरफ बढ़ने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा चौकी के बाहर मौजूद जवानों ने उन्हें देख लिया। जवान ने अपने साथियों को सचेत करने के साथ ही आतंकियों को ललकारा। इस पर आतंकियों ने सुरक्षाकर्मियों पर गोली चला दी। सुरक्षाकर्मियों ने खुद को बचाते हुए जवाबी कार्रवाई की। दोनों तरफ से करीब 10 मिनट तक गोलियां चलीं। इसी दौरान आतंकी बाग में पेड़ों और घास की आड़ में जान बचाकर भाग गए।