ब्रह्माोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने एक ही लक्ष्य पर दो बार सीधा प्रहार किया। ब्रह्माोस का निशाना सेवा से बाहर किया जा चुका एक जहाज था, जो मिसाइल परीक्षण के कारण डूब गया। पहली परीक्षण-फायरिंग भारतीय नौसेना के युद्धपोत आइएनएस दिल्ली द्वारा देश के पूर्वी समुद्री तट पर की गई थी। अधिकारियों ने बताया कि बिना वारहेड वाली मिसाइल ने पुराने जहाज में एक छेद बनाया। यह मिसाइल लगभग 3,000 किमी प्रति घंटे की गति से लक्ष्य पर निशाना साधती है। वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा इसका पता लगाना मुश्किल है।
भारतीय नौसेना द्वारा सफलतापूर्वक प्रहार किए जाने के बाद वायु सेना के सुखोई विमान एसयू-30एमकेआइ ने एक एयरबेस से उड़ान भरी और मिसाइल से उसी जहाज पर निशाना साधा। यह विमान एयर-लांच संस्करण से लैस है। अधिकारियों ने कहा कि मिसाइल ने सटीकता के साथ लक्ष्य पर निश्ााना साधा। मिसाइल से सीधे टकराने के बाद जहाज डूब गया।
परीक्षण-फायरिंग के लिए भारतीय वायु सेना और नौसेना ने एक-दूसरे के साथ समन्वय किया था। रक्षा अधिकारियों ने कहा कि निकट भविष्य में क्रूज मिसाइल के और परीक्षण किए जाएंगे। सरकार ने 2016 में ब्रह्माोस के हवा से मार करने में सक्षम संस्करण को 40 से अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों में जोड़ने का निर्णय किया था। इस परियोजना की कल्पना समुद्र या जमीन पर किसी भी लक्ष्य पर ‘स्टैंड-आफ रेंज” से हमला करने की भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए की गई थी।