इस सप्ताह शेयर बाजार वैश्विक रुझान, कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख पर निर्भर करेगा। चूंकि इस सप्ताह मासिक डेरिवेटिव की एक्सपायरी भी है, इसलिए बेंचमार्क सूचकांक में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। इसके अलावा रुपये में उतार-चढ़ाव और मानसून की प्रगति पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।
स्वास्तिक इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा कि वैश्विक बाजारों में सुधार और कमोडिटी की कीमतों में कटौती के चलते भारतीय बाजार निचले स्तरों से उबरने में कामयाब रहे हैं। यह रिकवरी आगे भी बनी रह सकती है और हम आने वाले दिनों में एक अच्छी रैली की उम्मीद कर सकते हैं। ‘एफएंडओ की एक्सपायरी के अलावा, मासिक आटो बिक्री के आंकड़े, मानसून पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।” इसके अलावा कच्चे तेल, रुपये में उतार-चढ़ाव और विदेशी निवेशकों का रुख भी बाजार को प्रभावित करेंगे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि जून के डेरिवेटिव अनुबंधों की समाप्ति के चलते इस सप्ताह भी अस्थिरता अधिक रहेगी। इसके अलावा वैश्विक सूचकांक, कच्चे तेल की कीमत और मानसून की प्रगति पर भी निगाह रहेगी।” लगातार दो सप्ताह के नुकसान के बाद 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स पिछले हफ्ते 1,367 अंक या 2.66 प्रतिशत उछलकर बंद हुआ था। निफ्टी में 405.75 अंक या 2.64 प्रतिशत की भी तेजी दर्ज की गई थी।
सैमको सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड येशा शाह ने कहा, ‘इस सप्ताह कई ऐसे घटनाक्रम हैं जो बाजार के मूड को प्रभावित कर सकती हैं। वैश्विक स्तर पर निवेशकों की नजर अमेरिकी जीडीपी के आंकड़ों पर रहेगी। भारत में वाहन बिक्री के आंकड़े भी बाजार को प्रभावित कर सकते हैं।
एफपीआइ ने जून में अब तक 46,000 करोड़ रुपये निकाले
विदेशी निवेशकों की भारतीय इक्विटी बाजारों से निकासी जारी है। भारतीय रिजर्व बैंक और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक नीति को कड़ा करने के बाद एफपीआइ ने इस महीने अब तक लगभग 46,000 करोड़ रुपये निकाले हैं। फेडरल रिजर्व की नीतियों, कच्चे तेल की कीमतों और अस्थिर रुपये ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) के रुख को प्रभावित किया।
आंकड़ों के मुताबिक एफपीआइ द्वारा 2022 में अब तक इक्विटी से शुद्ध निकासी बढ़कर 2.13 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। विदेशी निवेशक अक्टूबर 2021 से भारतीय इक्विटी से लगातार धन निकाल रहे हैं। इस तरह की निकासी आखिरी बार 2020 की पहली तिमाही में देखी गई थी, जब महामारी तेजी से बढ़ रही थी।
बाजार में सूचीबद्ध 10 सबसे ज्यादा मूल्यवान कंपनियों में से नौ का मार्केट कैप बीते सप्ताह 2.51 लाख करोड़ बढ़ा है। सबसे ज्यादा फायदा टीसीएस को हुआ है। उसका मार्केट कैप 74,534.87 करोड़ बढ़कर 12,04,907.32 करोड़ हो गया। एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनीलीवर और आइसीआइसीआइ बैंक के मार्केट कैप में वृद्धि दर्ज की गई है। खास बात यह है कि सिर्फ रिलायंस इंडस्ट्रीज के मार्केट कैप में इस दौरान गिरावट दर्ज की गई।