भारतीय वायुसेना ने पहले स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टर (एलसीएच) को अपने युद्धक बेड़े में शामिल कर लिया है। जोधपुर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिह की मौजूदगी में हेलीकाप्टर को वायुसेना में शामिल किया गया। इसे जोधपुर में ही पाकिस्तान से लगी सीमा की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। देश की प्रमुख सरकारी एरोस्पेस कंपनी हिदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने इसका विकास और निर्माण किया है। इसकी जबरदस्त युद्धक क्षमता को देखते हुए ही रक्षा मंत्री ने इसका नाम “प्रचंड” रखा है।
रक्षा मंत्री ने जोधपुर वायुसेना स्टेशन में नए चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की मौजूदगी में एक समारोह में चार हेलीकाप्टरों को वायुसेना में शामिल किया। सर्वधर्म प्रार्थना के बाद एलसीएच को पारंपरिक सलामी देकर वायुसेना का हिस्सा बनाया गया।
रक्षा मंत्री ने इस मौके पर “प्रचंड” में उड़ान भरने के बाद कहा कि स्वदेशी एलसीएच हर संभावित चुनौतियों का सामना कर सकता है और अपनी श्रेणी में विश्वस्तर पर सर्वश्रेष्ठ हेलीकाप्टरों में से एक है। उन्होंने कहा कि स्वदेश निर्मित एलसीएच को भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाना भारत में रक्षा उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक अवसर है।
स्वदेशी एलएसीएच पर भरोसा जताने के लिए उन्होंने वायुसेना की सराहना भी की। राजनाथ ने कहा कि वायुसेना भारत की संप्रभुता की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और उन्हें विश्वास है कि एलसीएच के शामिल होने के बाद इसकी संपूर्ण क्षमता में और इजाफा होगा।