कांकेर। कांकेर ने प्रेम प्रसंग के चलते गर्भवती हुई २० साल की युवती ने पैदा होते ही नवजात को झाडिय़ों में फेंक दिया। मासूम को चींटियां अपना निवाला बना रही थी, मासूम बिलख रही थी। मां के बिना आंचल के लिए तड़प रही थी, फिर बेबसी की किलकारी सुनकर एक दूवदूत वहां पहुंच गया, जिसने उस मासूम को जीवनदान दिया। उसे सीने से लगाकर जीने की आस दी। दरअसल, ये माजरा भानुप्रतापपुर क्षेत्र का है। जहां एक कलयुगी मां ने अपने रिश्ते को बदनाम करते हुए अपनी नवजात बच्ची को झाडिय़ों में फेंक दिया। मां ने मां नाम को कलंकित कर दिया। अपनी बच्ची को झाडिय़ों में इसलिए फेंक दिया कि उसका जीवन समाप्त हो जाए, लेकिन देवदूत बनकर एक ग्रामीण सामने आ ही गया। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर ग्रामीण झाडिय़ों की तरफ पहुंचा तो देखा कि एक नवजात बच्ची रो रही है। चीटियां उसे बुरी तरह काट रहीं हैं, उसने तत्काल गांव के कोटवार को सूचना दी। कोटवार ने तहसीलदार एवं थाना प्रभारी को सूचना दी, जिस पर तत्काल थाना प्रभारी ने पुलिस को ग्राम डूमरकोट भेजा जहां से बच्ची को कोरर अस्पताल लाया गया। कोरर पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की और एक 20 वर्षीय युवती को इस मामले में आरोपी बनाया है। युवती अपनी मौसी के यहां कुछ दिन पहले ही आयी थी। युवती प्रेम प्रसंग के चलते गर्भवती हो गई थी। लोकलाज के भय से उसने दुनिया में मां शब्द को कलंकित कर दिया। इंसानियत को शर्मसार कर दिया और बता दिया कि मानवता भी इस दुनिया में अब बेरहम हो चली है।