अभिनेत्री और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य खुशबू सुंदर ने बताया कि जब वह आठ साल की थीं, तब उनके पिता ने उनका यौन उत्पीड़न किया था। बाल कलाकार रही खुशबू उस समय को अपने जीवन का सबसे मुश्किल दौर बताती हैं।
जयपुर के टाउन हाल में आयोजित कार्यक्रम द विमेन के दौरान अभिनेत्री से नेता बनीं खुशबू ने कहा कि जब वह 15 साल की हुईं तो उन्होंने अपने पिता के खिलाफ विद्रोह शुरू कर दिया। तब उनके पिता उनके परिवार को मझधार में छोड़ कर चले गए। जिस चीज में मुझे सबसे अधिक कठिनाई हुई, पीड़ा को भूलना नहीं और माफ नहीं करना। लेकिन बचपन में मैंने पिता से जो पीड़ा पाई थी, उसे पीछे छोड़कर आगे बढ़ गई। जब एक बच्चे का शोषण होता है तो उसके निशान पूरी जिंदगी पर पड़ते हैं।
वर्ष 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आई खुशबू सुंदर ने कहा कि उनकी मां बेहद अपमानजनक शादी में बंधी थीं। एक आदमी अपनी पत्नी और बच्चों को रोज पीटता था और अपनी इकलौती बेटी का यौन शोषण करता था। उन्हें लगा कि यह उनका जन्मसिद्ध अधिकार है।