पाकिस्तानी न्यूरो साइंटिस्ट आफिया सिद्दीकी ‘लेडी अल-कायदा” के नाम से कुख्यात है। उसे फिलहाल टेक्सास के फेडरल मेडिकल सेंटर में रखा गया है। मेमोगेट कांड में भी आफिया की भूमिका संदिग्ध मानी गई, जिसमें अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी को प्रमुख्त संदिग्ध बताया गया था।
वर्ष 2011 में पाकिस्तानी-अमेरिकी कारोबारी मंसूर एजाज ने दावा किया था कि उसे हक्कानी ने तत्कालीन अमेरिकी ज्वाइंट्स चीफ्स चेयरमैन एडमिरल माइक मुलेन के खिलाफ एक पत्र दिया था। आफिया वर्ष 2018 में एक बार फिर चर्चा में आई, जब पाकिस्तान व अमेरिका के बीच एक सौदे की खबरें आई थीं। इसके तहत वर्ष 2011 में अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में मदद करने वाले डाक्टर शकील अफरीदी की जगह आफिया को रखने की योजना थी।
अमेरिका स्थित ब्रांडीज यूनिवर्सिटी व मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़ी-लिखी आफिया ने 9/11 के हमले के बाद अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों का ध्यान खींचा था। मई 2004 में न्याय विभाग व एफबीआइ ने उसे अल-कायदा का आतंकी करार दिया था। वर्ष 2008 में अमेरिकी सैनिकों ने उसे अफगानिस्तान में गिरफ्तार किया था और उसके पास से डर्टी बम निर्माण और अमेरिका के विभिन्ना स्थानों की सूची हासिल की थी, जहां हमले किए जाने थे।
अमेरिकन एंटरप्राइजेज इंस्टीट्यूट (एईआइ) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि टेक्सास में हुई वारदात ने पाकिस्तान को एक बार आतंक का आका साबित किया है। एईआइ के सीनियर फेलो माइकल रूबीन के अनुसार, ‘टेक्सास कांड के बाद आफिया से जुड़े मामले का महत्व और बढ़ जाएगा। अल कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों में तो कई देशों के भटके हुए लोग शामिल हैं, लेकिन आफिया थोड़ी अलग है। पाकिस्तान की सरकार और अधिकारी उसे हीरो की तरह मानते हैं।” उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान सरकार ने तो वर्ष 2008 के मुंबई हमले के आरोपितों को भी खुला छोड़ रखा है, जिसमें कई अमेरिकी नागरिक मारे गए थे।”
अमेरिका स्थित ब्रांडीज यूनिवर्सिटी व मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़ी-लिखी आफिया ने 9/11 के हमले के बाद अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों का ध्यान खींचा था। मई 2004 में न्याय विभाग व एफबीआइ ने उसे अल-कायदा का आतंकी करार दिया था। वर्ष 2008 में अमेरिकी सैनिकों ने उसे अफगानिस्तान में गिरफ्तार किया था और उसके पास से डर्टी बम निर्माण और अमेरिका के विभिन्ना स्थानों की सूची हासिल की थी, जहां हमले किए जाने थे।
अमेरिकन एंटरप्राइजेज इंस्टीट्यूट (एईआइ) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि टेक्सास में हुई वारदात ने पाकिस्तान को एक बार आतंक का आका साबित किया है। एईआइ के सीनियर फेलो माइकल रूबीन के अनुसार, ‘टेक्सास कांड के बाद आफिया से जुड़े मामले का महत्व और बढ़ जाएगा। अल कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों में तो कई देशों के भटके हुए लोग शामिल हैं, लेकिन आफिया थोड़ी अलग है। पाकिस्तान की सरकार और अधिकारी उसे हीरो की तरह मानते हैं।” उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान सरकार ने तो वर्ष 2008 के मुंबई हमले के आरोपितों को भी खुला छोड़ रखा है, जिसमें कई अमेरिकी नागरिक मारे गए थे।”