इंडिया गेट पर जलने वाली अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ के साथ प्रज्वलित कर दिया गया। सैन्य अफसरों ने बताया कि अमर जवान ज्योति अब इंडिया गेट पर नहीं जलेगी और लोग राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद सैनिकों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को हराने के बाद सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों की स्मृति में अमर जवान ज्योति जलाई गई थी। 26 जनवरी, 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था। श्ाुक्रवार को एक संक्षिप्त कार्यक्रम में अमर जवान ज्योति के एक हिस्से को ले जाया गया और 400 मीटर दूर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ के साथ इसे प्रज्वलित कर दिया गया। एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख एयर मार्शल बीआर कृष्णा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। 25 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था। यहां 25,942 सैनिकों के नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित हैं।
हालांकि, सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस मामले को लेकर कुछ लोगों में बहुत ज्यादा गलतफहमी है। उन्होंने कहा कि अमर जवान ज्योति को बुझाया नहीं गया है, बल्कि इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ के साथ मिला दिया गया है।
इसलिए लिया गया फैसला
सरकारी अधिकारियों ने कहा कि यह देखना बहुत अजीब था कि 1971 के शहीदों को अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि दी जा रही थी। दूसरी तरफ, इंडिया गेट पर उनमें से किसी सैनिक का नाम अंकित नहीं है। उन्होंने कहा कि इंडिया गेट पर कुछ उन सैनिकों के नाम ही अंकित हैं, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और अफगानिस्तान के खिलाफ लड़ाई में ब्रिटेन की ओर से जान न्योछावर किया था। इस तरह यह देश के औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक है।