भारत की एक बहुलवादी देश के रूप में छवि खराब करने की कोशिश कर रही विरोधी ताकतें कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद को तूल दे रही हैैं। यह कहना है लंदन और दुबई से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र एशियन लाइट इंटरनेशन का। अखबार ने कहा है कि विश्व बहुत से लोगों को तो भारत और उसकी संस्कृति के बारे में पता ही नहीं है। दुनिया के सबसे ज्यादा विविधताओं वाले देशों में से एक भारत एक अनुकरणीीय लोकतंत्र है।
भारत में अलग भाषा, आस्था, खान-पान और पहनावे वाले विभिन्न् संस्कृतियों, धर्मों और जनजातियों से जुड़े समुदाय के लोग श्ाांति और सौहार्द के साथ रहते हैैं। भारत ने विविधता को न सिर्फ जगह दी है, बल्कि सदियों से इसका पालन पोषण भी किया है। अखबार ने लिखा है कि मानवता के प्रति भारत की भावना ‘सर्वे भवंतु सुखिन:, सर्वे संतु निरायमया” और ‘वसुधैव कुटुबंकम” की है। भारत पूरे विश्व को एक परिवार मानता है। भारत के संविधान में भी सभी धर्मों, वर्गों, जातियों को समान अधिकार और स्वतंत्रता मिली हुई है। भारत में सनातम धर्म के साथ ही जैन, सिख, बौद्ध और इस्लाम धर्म को मानने वाले एक दूसरे के साथ रहते हैैं।