भारतीय वायुसेना ने गुरुवार को सुखोई-30 एमकेआइ विमान से अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम ब्रह्मोस एयर लांच मिसाइल का सफल परीक्षण किया। करीब 400 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली इस मिसाइल ने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में एक पोत को सटीकता से निशाना बनाया।
प्रेस इंफारमेशन ब्यूरो ने एक बयान जारी कर बताया कि इसके साथ ही वायुसेना ने सुखोई-30 एमकेआइ विमान से काफी दूर से जमीन पर या समुद्र में मौजूद लक्ष्य को सटीकता से निशाना बनाने की उल्लेखनीय क्षमता हासिल कर ली है। सुखोई-30 एमकेआइ के उच्चस्तरीय प्रदर्शन के साथ मिसाइल की लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता से वायुसेना को रणनीतिक बढ़त मिली है और इससे उसे भविष्य की लड़ाइयों में लाभ मिलेगा। बयान के मुताबिक, इस उपलब्धि में वायुसेना के साथ-साथ नौसेना, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), बंगाल एरोट्रोपोलिस प्रोजेक्ट्स (बीएपीएल) और हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के समर्पित और समन्वित प्रयासों का योगदान रहा है।
नई रेंज की मिसाइल प्रणालियों, गाइडेड बम, पारंपरिक बमों की नई रेंज और आधुनिक निगरानी प्रणालियों के शामिल होने से वायुसेना की मारक क्षमता में और वृद्धि होगी। पिछले हफ्ते ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने 24 पूंजीगत खरीद प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकार्यता (एओएन) को मंजूरी प्रदान की है। इन प्रस्तावों में छह थलसेना, छह वायुसेना और 10 नौसेना के लिए हैं। जबकि दो प्रस्ताव भारतीय तटरक्षक बल के लिए हैं। इसी महीने वायुसेना को फ्रांस से हुए 36 राफेल विमानों के खरीद सौदे का आखिरी विमान प्राप्त हुआ है। इनमें से राफेल विमानों की एक स्क्वाड्रन पाकिस्तान से लगती पश्चिमी व उत्तरी सीमा की निगरानी करेगी और दूसरी स्क्वाड्रन पूर्वी क्षेत्र की सीमाओं की चौकसी करेगी।