बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के बाद अभ्यर्थी लगातार नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अभ्यर्थियों ने कोलकाता की सड़कों पर लेटने से लेकर नुक्कड़ नाटक व लक्ष्मी-सरस्वती पूजा तक की है। प्रदर्शन कर रहे लोगों से जब पूछा गया कि वे क्यों रेंग रहे हैं, तो प्रदर्शननकारियों ने जवाब दिया कि वे नौ साल से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। नौ सालों में हम लोगों की रीढ़ की हड्डी खत्म हो गई है। हम रीढ़विहीन पशु जैसे हो गए हैं। इसीलिए सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह रास्ता चुना है।
नौकरी चाहने वालों ने दावा किया कि उनमें से एक बीमार पड़ गया। एक अन्य नौकरी तलाशने वाले ने कहा कि नौ साल से दर्द सह रहे हैं। इसे अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हम दिन-ब-दिन सड़कों पर बैठकर बीमार हो रहे हैं। नौकरी चाहने वाले वाई चैनल पर नौकरी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। नौ साल में प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। इस सरकार पर लानत है। हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
आंदोलनकारियों ने स्कूल सर्विस कमीशन के खिलाफ भी रोष जताया। उनका कहना है कि यह स्कूल सेवा आयोग अवैध है। मालदा से विरोध में शामिल हुई एक महिला नौकरी तलाशने वाली महिला ने कहा कि वह नौ साल से पैनल का इंतजार कर रही है। दो बार इंटरव्यू देने के बाद भी पैनल जारी नहीं हुआ है। राज्य सरकार शिक्षित युवाओं के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार क्यों कर रही है? मामले पर कोर्ट की ओर से कोई रोक नहीं है, फिर यह ढिलाई क्यों?