विभिन्न सामाजिक भवन के निर्माण के लिए 1.53 करोड़ रूपए की मंजूरी
रायपुर-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गरियाबंद के सर्किट हाउस में विभिन्न समाज एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मण्डल से भेंट-मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर एक-एक कर सभी समाज एवं संगठनों के प्रतिनिधियों से सामाजिक गतिविधियों के संबंध में जानकारी लेने के साथ ही उनसे शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के संबंध में भी फीडबैक लियामुख्यमंत्री ने डड़सेना कलार समाज के आग्रह पर गरियाबंद शासकीय कन्या हाई स्कूल का नामकरण बहादुर कलारिन के नाम पर करने की घोषणा की। उन्होंने नवागढ़ में पिछड़ा वर्ग छात्रावास एवं नंदी की स्थापना के लिए स्वीकृति प्रदान की। इसके साथ ही मनवा कुर्मी सामाजिक भवन परिसर की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल और पानी के लिए बोरिंग की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार गांव को स्वावलंबी बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री से कमार समाज के प्रतिनिधियों ने शासकीय सेवा में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी के लिए आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पात्रता के अनुसार नौकरी दी जाएगी। उन्होंने वन अधिकार पत्र के संबंध में बताया कि 13 दिसम्बर 2005 से पहले काबिज होने पर पट्टा दिया जाएगा। आदिवासी कंवर समाज के प्रतिनिधि ने बताया कि बच्चे पढ़ने-लिखने के लिए दूर जाते हैं, इसके लिए जिला मुख्यालय में भवन का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन होने पर भवन निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की जाएगी। सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष श्री भरत दीवान ने कलेक्टर कार्यालय में अम्बेडकर जी की प्रतिमा लगाने का निवेदन किया। मुख्यमंत्री से कोसरिया महार समाज के प्रतिनिधियों ने अनुसूची में महार जाति दर्ज करने का निवेदन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महार जाति इंग्लिश में लिखने पर कोई दिक्कत नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने देवभोग में लघु वनोपज उत्पाद पार्क का शुभारंभ किया
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र के विकास खण्ड मुख्यालय देवभोग के समीप गांव इंदागांव में लघु वनोपज पर आधारित ग्रामीण उद्यम पार्क की स्थापना जा रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज इसका शुभारंभ किया। इंदागांव वन परिक्षेत्र अंतर्गत बहुतायात मात्रा में लघु वनोपज जैसे-महुआ फूल सुखा, चिरौंजी गुठली, दाल, महुआ बीज, लाख इत्यादि वनोपज पाए जाते है।
देवभोग में ग्रामीण उद्यम पार्क, की स्थापना का उद्देश्य इस क्षेत्र में पाए जाने वाले कच्चे माल की उपलब्धता को देखते हुए मूल्यवर्धन करना है। यह पार्क गांवों के सामाजिक एवं आर्थिक ढांचे में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उत्प्रेरक होगा। इस केन्द्र में कुल 11 महिला स्व-सहायता समूह शामिल होंगे, जिसके अंतर्गत लगभग 150 महिलाएं सीधे केन्द्र से जुड़ेगीं एवं विकासखण्ड अंतर्गत 16000 से अधिक संग्राहक परिवार उच्च आय प्राप्त कर अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठा सकेगें। प्रस्तावित ग्रामीण उद्यम पार्क- ग्रामीण उद्यम पार्क देवभोग में प्रस्तावित प्रसंस्करण इकाई की जानकारी निम्नानुसार है- चिरौंजी प्रसंस्करण, लाख प्रसंस्करण, दाल प्रसंस्करण, नीम, महुआ एवं कुसम तेल प्रसंस्करण, मसाला प्रसंस्करण इकाई। छत्तीसगढ़ राज्य उद्योग विकास निगम मर्या रायपुर द्वारा ग्रामीण उद्यम पार्क की स्थापना 7.42 करोड़ रुपए की लागत से की जाएगी। सचिव भारत सरकार मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग इण्डस्ट्रीज नई दिल्ली से 3.75 करोड़, ग्रामीण उद्यम पार्क से 2.00 करोड़ तथा शेष 1.67 करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ, जिला वनोपज सहकारी संघ एवं वनधन विकास केन्द्र से प्रदाय किया जाएगा। यह परियोजना देवभोग क्षेत्र और उसके आसपास के क्षेत्रों में समग्र सामाजिक आर्थिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी जो किसी भी कुटीर उद्योग, प्रसंस्करण केन्द्र से रहित रहा है। यह परियोजना छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ और गरियाबंद जिले की पहचान बनाने के लिए पूरे देश में कृषि-वन उपज का विपणन सुनिश्चित करते हुए ब्लॉक में बड़ा बदलाव ला सकती है।