महंगाई के चलते उपभोक्ता वस्तुओं की खपत में नरमी जारी है। डाटा एनालिटिक्स कंपनी नीलसनआइक्यू की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही की तुलना में जुलाई सितंबर तिमाही में एफएमसीजी उद्योग की मांग में 0.9 प्रतिशत की गिरावट रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई के दबाव के चलते कंपनियां लगातार वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि कर रही हैं। इस कारण उपभोक्ता छोटे पैकेट में सामान खरीदना पसंद कर रहे हैं। यह लगातार चौथी तिमाही है जब मांग में गिरावट आई है। इसका कारण बीती छह तिमाहियों से दहाई अंक में मूल्यवृद्धि रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण बाजारों में दैनिक उपभोग के उत्पादों की मांग जून तिमाही में 2.4 प्रतिशत घटी थी, जो सितंबर तिमाही में और गिरावट के साथ 3.6 प्रतिशत हो गई। हालांकि, इसी अवधि में शहरी बाजारों में मांग 1.2 प्रतिश्ात बढ़ गई। घरेलू एफएमसीजी उद्योग में मूल्य आधारित वृद्धि जारी है और जुलाई से सितंबर के बीच पिछले तिमाही की तुलना में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एफएमसीजी में मांग और मूल्य आधारित बिक्री कोविड-पूर्व यानी यानी मार्च 2020 के स्तर को पार कर गई है। सितंबर तिमाही में परंपरागत माध्यमों मसलन किराना या पास-पड़ोस की दुकानों में मांग में गिरावट दो प्रतिशत और बढ़ गई।
नील्सनआइक्यू इंडिया के प्रबंध निदेशक सतीश पिल्लई ने कहा कि मुद्रास्फीतिक दबाव के अलावा देश में बारिश कहीं पर कम तो कहीं पर ज्यादा हुई है। इससे भी ग्रामीण बाजारों में संकेतकों में नरमी आई है।