कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यहां लाकडाउन लगा दिया गया है। चीन की राजधानी शंघाई की करीब एक करोड़ आबादी पिछले दो साल बाद इस समय बेहद सख्त लाकडाउन के दौर से गुजर रही है। चीन में कोरोना को रोकने के लिए यह सख्त लाकडाउन ऐसे समय पर लगाया गया है, जब दुनिया अब इस महामारी के साथ जीना सीख चुकी है। इसके साथ ही व्यापक टेस्टिंग शुरू की गई है।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने 4,500 से ज्यादा नए घरेलू मामलों की जानकारी दी। यह एक दिन पहले के मुकाबले 1,000 कम है। चीन के वुहान शहर में पहला केस 2019 के अंत में आया था। अगर संक्रमण के पहले हफ्ते को छोड़ दें तो चीन में अब केस ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं।
चीन में लाकडाउन के ऐलान से खलबली मच गई। तेल के दामों में तेजी से गिरावट आई है। व्यापारियों को डर है कि इस लाकडाउन से मांग में भारी कमी आ सकती है। चीन के सख्त लाकडाउन की नीति से दुनिया की अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजार संकट में जा रहे हैं। वह भी तब भी रूस और यूक्रेन में युद्ध चल रहा है और दुनिया में महंगाई आसमान छू रही है।
शंघाई की आबादी 2.50 करोड़ है। यहां मार्च की शुरुआत से केस बढ़ने लगे थे और अब यह Omicron वेरिएंट का Hotspot बन चुका है। शंघाई में रिकॉर्ड 3,450 नए मामले सामने आए हैं। यह देश के कुल केस का करीब 70% है। इनमें से 50% मामलों में संक्रमण के लक्षण हैं।