मध्य प्रदेश का सतना जातिवाद के लिए बदनाम होता जा रहा है। सतना मैहर के नादन देहात थाना अंतर्गत ग्राम जरियारी में दबंगों द्वारा दलितों के साथ मारपीट का मामला सामने आया। यहां दबंगों ने ग्राम सभा के दौरान दलित महिला सरपंच को भी लाठियों से पीटा। इस दौरान बीच बचाव करने आए दलित महिला पुरुषों की भी जूतों से की पिटाई की गई।
यहां ग्राम सभा का आयोजन चल रहा था। इस दौरान नवनिर्वाचित सरपंच ललिता बौद्ध के साथ गांव के दबंग चंद्रप्रकाश उर्फ छोटू पटेल ने अपने साथियों के साथ पहुंचकर विवाद किया और मारपीट की। ग्राम सभा में अन्य लोग भी मौजूद थे जो बचाव करने आए तो उन्हें भी पीटा गया। छोटू पटेल आदतन अपराधी है जिसके खिलाफ पूर्व में भी कई मामले थाने में दर्ज हैं।
इस मामले में नादान देहात थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर चार लोगों को हिरासत में लिया है। पीड़ितों का आरोप है कि पुलिस ने अन्य आरोपितों का नाम एफआईआर में न तो शामिल किया न ही उनको गिरफ्तार किया है। वहीं पूरे मामले की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है। सरपंच सहित गांव के दलितों की मांग है कि सभी लोगों का नाम एफआईआर में शामिल कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
नादन देहात पुलिस का कहना है कि घटनाक्रम के अनुसार सभी धाराएं लगाई गई है। घर मे घुस के मारपीट, सरकारी काम मे बाधा, गाली गलौज सहित एससी एसटी एक्ट भी लगाया गया है। लेकिन इनमें 7 साल से ज्यादा की सजा नही है लिहाजा न्यायालय के निर्देशानुसार आरोपितों की गिरफ्तारी नही की जा सकती थी। इसके बाद भी आरोपितों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए 151 लगाया गया। ताकि पकड़ के मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जा सके। इधर जब तहसीलदार कोर्ट में आरोपितों को पेश किया गया तो रात के 7 बज चुके थे। इस समय रात को जेल नही भेज सकते थे न ही रात को थाने में रख सकते थे। ऐसे में छोड़ दिया गया।
जरियारी महिला सरपंच मामले में यह है विवाद की जड़
मूल रूप से यह महिला सरपंच साकेत बताई जा रही है लेकिन इन्होंने खुद को ओबीसी बता कर चुनाव लड़ा और जीता। दरअसल इन्होंने बौद्ध धर्म अपना रखा है। कथित नियमानुसार अगर एससी द्वारा बौद्ध धर्म अपना लिया जाता है तो वह ओबीसी माना जाता है। इसको लेकर चुनाव के वक्त सरला साकेत ने ओबीसी के तौर पर चुनाव लड़ा। जरियारी पटेल बाहुल्य है और साकेत यहां तुलनात्मक रूप से कम हैं। फिर भी सरला साकेत चुनाव जीत गईं। यही कसक विवाद की वजह रही और बहुसंख्यक रूप से दबंगों ने महिला सरपंच से मारपीट कर अपनी मन कि कसक निकाली।
सतना विधायक ने आंदोलन की दी चेतावनी
जरयारी में दलित महिला सरपंच के साथ मारपीट के मामले में कांग्रेस विधायकों ने भी विरोध जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। सतना से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने कहा है कि सतना में दलित महिला सरपंच से ग्राम पंचायत में ग्रामसभा के दौरान लाठी डंडों से मारपीट कर पंचायत से खदेड़ने वाले आरोपितों को हिरासत में लेकर थाने से 151 के मामले पेश कर छोड़ने का मामला, शिवराज सरकार की लाचार कानून व्यवस्था का प्रमाणित उदाहरण है। महिला सुरक्षा की बात करने वाली भाजपा ने अपनों को संरक्षण देना जरूरी समझा, मूल अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो जनता आंदोलन करेगी।
रैगांव विधायक कल्पना वर्मा भी सामने आई
इस मामले में रैगांव से कांग्रेस विधायक कल्पना वर्मा ने भी मामले में आरोपितों को थाने से छोड़ने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि दलित महिला के साथ जिस तरीके से शासकीय कार्यक्रम के दौरान व्यवहार किया गया है वह न केवल निर्वाचित जनप्रतिनिधि का अपमान है बल्कि महिला समाज का अपमान है। ऐसे लोगो को तत्काल सलाखों में होना चाहिए लेकिन उनपर रहम किया जा रहा। कल्पना वर्मा ने चेताया कि कल सुबह तक आरोपितों की गिरफ्तारी नही हुई तो उग्र महिला आंदोलन के लिए प्रशासन तैयार हो जाए।