
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक ही मंडप में मां-बेटी दोनों दुल्हन बनीं। जहां बेटी इंदू की शादी हमउम्र नौजवान से हुई तो वहीं मां ने अपने देवर के साथ सात फेरे लिए। मां-बेटी गोरखपुर के पिपरौली ब्लॉक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के इस कार्यक्रम में कुल 63 जोड़े के साथ वैवाहिक बंधन में बंधे। इसमें सबसे चर्चित शादी बेला और जगदीश की रही।
पिपरौली ब्लॉक क्षेत्र के कुरमौल निवासी बेला देवी के पति की मृत्यु हो चुकी है। बेला ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में अपनी और पुत्री इंदू की शादी का रजिस्ट्रेशन करा रखा था। बेला की देवर जगदीश और बेटी इंदू की शादी शैलेंद्र के साथ तय थी। इस आयोजन में दोनों ने सात फेरे लिए और दांपत्य जीवन की शुरुआत की।
पिपरौली ब्लॉक के कुरमौल गांव के 55 साल के जगदीश तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। वह गांव में ही खेती-किसानी करते हैं और अभी तक शादी नहीं की थी। वहीं उनके बड़े भाई हरिहर सिंह का 25 साल पहले निधन हो गया था। उनकी पत्नी बेला गांव में ही रह रही थी। बेला के दो बेटे और तीन बेटियां हैं।
दो बेटे और दो बेटियों की शादी पहले ही हो चुकी है। तीसरी और सबसे छोटी बेटी इंदू की शादी पिपरौली ब्लॉक में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में होना तय हुआ तो जगदीश और बेला ने भी अपने बारे में बड़ा निर्णय लिया। दोनों ने सोचा कि क्यों ने दोनों एक हो जाएं और एक दूसरे का ख्याल रखें। परिवार ने उनका साथ दिया और एक ही मंडप में जहां मां और चाचा ने फेरे लिए तो वहीं बेटी भी दुल्हन बनी। यह शादी चर्चा का विषय बन गई है।