नौसेना में सरकार की नई भर्ती योजना ‘अग्निपथ” को लेकर लड़कियों में खासा उत्साह है। तीनों सेनाओं में युवा बढ़चढ़कर ‘अग्निवीर” बनना चाहते हैं तो महिलाएं भी इसमें पीछे नहीं हैं। योजना की शुरुआत के बाद से रविवार तक अग्निवीर बनने के लिए नौसेना के पास करीब 10 हजार महिलाओं के आवेदन आ चुके हैं। नौसेना में पहली बार नौसैनिक के रूप में महिलाओं की भर्ती होने जा रही है। अभियान संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इन महिला सैनिकों की तैनाती युद्धपोतों पर भी की जाएगी। यानि इन्हें बीच समुद्र में उतरकर दुश्मनों से लड़ना भी होगा।
अधिकारियों ने बताया कि रविवार तक 10 हजार महिला अभ्यर्थी आवेदन कर चुकी हैं। पंजीकरण हो जाने के बाद नौसेना 15 जुलाई से 30 जुलाई तक भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदनों पर आनलाइन प्रक्रिया शुरू करेगी। साल 2022 में नौसेना में करीब तीन हजार महिला अग्निवीरों की भर्ती होनी है। हालांकि इस साल महिला अग्निवीरों की संख्या कितनी होगी, इस बारे में अंतिम रूप से कुछ नहीं कहा गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक महिला नौसैनिकों के शुरुआती और बुनियादी प्रशिक्षण के लिए भारतीय युद्धपोत आइएनएस चिल्का पर तैयारियां की जा रही हैं। आइएनएस चिल्का पर 21 नवंबर से प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसी युद्धपोत पर महिला नौसैनिकों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। नौसेना के अधिकारियों ने कहा था, ‘नौसेना में अग्निपथ योजना में किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा। चयन और प्रशिक्षण का आधार समान होगा। अभी 30 महिला अधिकारी अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों पर तैनात हैं। हमने निर्णय लिया है कि अब नौसेना के सभी विंगों में महिलाओं की भर्ती की जाएगी और इन्हें अभियान पर भेजा जाएगा।”
पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नौसेना 15 जुलाई से 30 जुलाई के बीच भर्ती के लिए आनलाइन योजना आवेदन की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू किया जाएगा। वर्ष 2022 में नौसेना को कुल तीन हजार अग्निवीरों की ही भर्ती करनी है। हालांकि इसमें महिलाएं कितनी होंगी यह अभी तक स्पष्ट नहीं है।
1990 से 14 लाख सैनिकों के सुरक्षा बलों में महिलाओं की भी भर्ती शुरू हुई थी, लेकिन महिलाओं की यह भर्ती तब से अब तक सैन्य अफसरों तक ही सीमित थी। यह परिस्थितियां वर्ष 2019-20 में बदलीं जब भारतीय सेना ने पहली बार अन्य रैैंकों पर भी महिलाओं की भर्ती को शुरू किया था।
केंद्र सरकार ने कहा है कि वह इस साल तीनों सेनाओं में 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती करेगी। अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को चार साल तक तीनों सेनाओं में सेवा का मौका मिलेगा। चार साल की सेवा के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेना में स्थायी किया जाएगा जबकि बाकी बचे जवान चाहें तो अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं। केंद्र और राज्य सरकारों के विभागों एवं उपक्रमों की भर्ती में इन्हें वरीयता दी जाएगी।