स्वदेश निर्मित स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत “मोरमुगाओ” रविवार को भारतीय सेना में शामिल हो गया। इस मौके पर नौसेना बंदरगाह पर आयोजित समारोह में रक्षामंत्री राजनाथ सिह ने कहा कि 75 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ आईएनएस मोरमुगाओ युद्धपोत डिजाइन और विकास में भारत की उत्कृष्टता का प्रमाण है। हमारा उद्देश्य भारत को स्वदेशी जहाज निर्माण केंद्र बनाना है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भारत दुनिया के लिए पोत बनाएगा।
रक्षा मंत्री ने मोरमुगाओ की खूबिया बताते हुए कहा कि यह भारत में बना अत्यंत शक्तिशाली युद्धपोत है। इसके शामिल होने से नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। यह दुनिया की आधुनिकतम तकनीकों से सुसज्जित मिसाइल वाहक पोत है। यह नौसेना की न सिर्फ आज की बल्कि भविष्य की जरूरतों को भी पूरा करने में सक्षम है। यह पोत भारत की स्वदेशी पोत निर्माण क्षमता को भी दर्शाता है।
आईएनएस मोरमुगाओ गोवा के एक शहर के नाम पर बना “विशाखापत्तनम” श्रेणी का दूसरा विद्धवंसक पोत है। इसका डिजाइन भारतीय नौसेना के वारशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है, और निर्माण मुंबई के मझगांव डाक लिमटेड में हुआ है। इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने कहा कि मोरमुगाओ को नौसैना में शामिल करना स्वदेशी पोत निर्माण में एक और मील का पत्थर है। खासतौर से तब, जब साल भर के अंदर ही हमने आईएनएस विशाखापत्तनम को नौसेना में शामिल किया था। यह इस बात का संकेत है कि पिछले एक दशक में हमने स्वदेशी पोतों के डिजाइन एवं निर्माण में काफी प्रगति की है।
बता दें कि गोवा के एक शहर के नाम पर निर्मित विशाखापत्तनम पोत का जलावतरण 19 दिसंबर, 2021 को उस वक्त हुआ था जब गोवा अपनी मुक्ति की साठवीं वर्षगांठ बना रहा था। इस अवसर पर चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई एवं गोवा के मुख्यमंत्री डा. प्रमोद सावंत भी उपस्थित थे।
रक्षामंत्री ने पुराणों का हवाला देकर बताया समुद्र का महत्व
रक्षा मंत्री ने देश की समुद्री सुरक्षा में भारतीय नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करने के लिए “पुराणों” का भी हवाला दिया। राजनाथ ने कहा कि हमारे पुराण समुद्र के महत्व का उल्लेख करते हैं। शायद ही कोई ऐसी कहानी हो जिसमें समुद्र का जिक्र न हो। महाकाव्य रामायण में समुद्र की भूमिका से सभी अच्छी तरह परिचित हैं। समुद्र धन और समृद्धि का स्रोत है। नौसेना कर्मी हमारे समुद्र की रक्षा करते हैं, इसलिए वे हमारी संपत्ति और समृद्धि की भी रक्षा कर रहे हैं।
ये हैं विशेषताएं
-163 मीटर लंबा और 17 मीटर चौड़ा है आइएनएस मोरमुगाओ
7,400 टन है इसका युद्धपोत का वजन, इसमें चार शक्तिशाली गैस टर्बाइन लगी हैं
-30 समुद्री मील यानी 55 किलोमीटर प्रति घंटा है इसकी अधिकतम गति
300 किलोमीटर दूर से जमीन या समुद्र में लक्ष्य पर निशाना लगाने में सक्षम हैं इस पर लगी मिसाइलें
-70 किलोमीटर दूर तक आसमान में उड़ान भरते विमान को मार गिराने में सक्षम हैं इसकी मिसाइलें
-यह युद्धपोत कई खतरनाक हथियारों से लैस है। इस पर सतह से सतह एवं सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें तैनात हैं।
-यह अत्याधुनिक सर्विलांस रडार से सुसज्जित है जोकि बड़ी आसानी से लक्ष्य का पता लगाकर उसे भेदने में सक्षम है।
-इस पर लगे स्वदेशी राकेट लांचरों के कारण यह पोत पनडुब्बियों के विरुद्ध भी मोर्चा लेने में सक्षम है।
-इसकी स्टेल्थ तकनीक इसे दुश्मन देशों के रडारों से बचाए रखने में भी सहायक है।
-यह परमाणु, जैविक और रासायनिक (एनबीसी) तीनों प्रकार के युद्धों में कारगर साबित होगा।
-इस युद्धपोत पर बेहद खराब मौसम के दौरान भी नौसेना के हेलीकाप्टर लैंड कर सकेंगे।