गर्भवती महिलाओं के लिए निशुल्क सेमिनार का आयोजन
रायपुर। क्या आप जानते हैं गर्भ में पल रहा बच्चा तीसरे महीने से ही अपने मां और पिता की आवाज को पहचानने और सुनने लगता है। इसीलिए कहा जाता है कि अगर मां खुश है तो बच्चा भी खुश रहेगा, जैसा मां खाएगी वैसा पोषक आहार बच्चे को मिलेगा। गर्भावस्था से जुड़ी हुई ऐसी ही कई बातें आज हमें सुनने को मिली संतति फर्टिलिटी एंड वूमेन केयर क्लीनिक में। यहां गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली जानकारी को सेमिनार के माध्यम से लोगों के साथ साझा किया गया।
डॉक्टर शिल्पा पवार ने बताया कि आमतौर पर गर्भवती होने के बाद महिलाएं डरी हुई रहती है, उन्हें कैसे रहना है, क्या खाना है, बच्चे को कुछ नुकसान ना करे, लोगों के इस डर को निकालने के लिए जरूरी है कि उनके हर सवालों का जवाब उन्हें एक अनुभवी व्यक्ति से मिले। आपके शरीर को क्या चीज नहीं सूट करेगा यह आपका शरीर भी आपको संकेत देता है। इसलिए सबसे पहले आपको खुद को महसूस करना चाहिए कि गर्भावस्था के दौरान क्या अच्छा लग रहा है और क्या बुरा लग रहा है। सेमिनार में मेडिटेशन एक्सरसाइज की भी ट्रेनिंग महिलाओं को दी गई। इस दौरान नॉर्मल डिलीवरी के लिए उपयोग आने वाली एक्सरसाइज को भी ट्रेनर द्वारा करके दिखाया गया।
सेमिनार पूरी तरह निशुल्क रखा गया था यहां गाइनेकोलॉजिस्ट शिल्पा पवार चौरसिया ने गर्भावस्था से जुड़ी तमाम तरह की सावधानियों की जानकारी महिलाओं को दी गई। इस दौरान डाइट और एक्सरसाइज का भी शेशन रखा गया था। इस दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे को स्वास्थ्य और सुरक्षित होने के तरीके बताए गए। जन्म के बाद बच्चे की नाल को प्रिजर्व कर उसके उपयोग की भी जानकारी गर्भवती महिलाओं को दी गई।
सतरंगी हो थाली
डाइटीशियन श्रद्धा द्विवेदी का कहना है की गर्भवती महिला को अपने खानपान का विशेष ध्यान देना चाहिए। उसकी थाली सतरंगी होनी चाहिए। सभी तरह के पोषक आहार प्रोटीन विटामिन के साथ फाइबर कैल्शियम यह सारी चीजों की पूर्ति करने वाला खाना हर दिन गर्भवती महिला को खाना चाहिए । उन्होंने बताया कि एहतियात रखते हुए सभी तरह की चीजों को महिलाएं खा सकती हैं। बाहर का खाना इस दौरान ना खा कर उन्हें घर में पका हुआ खाना ही खाना चाहिए। ज्यादातर महिलाओं को इस दौरान खट्टा और गुपचुप खाने का मन होता है। इसके लिए आप इमली का गुपचुप पानी ना बनाकर अनार के जूस का खट्टा मीठा पानी उपयोग कर सकते हैं। जो कि बहुत ही हेल्दी और स्वादिष्ट होता है। आयरन के लिए महिलाओं को हरी सब्जियों का सेवन रोज करना चाहिए। गर्भवती महिला की थाली में रोज एक सब्जी भाजी की होनी चाहिए पालक लाल भाजी, चना भाजी के अलावा गोभी भाजी भी गर्भवती महिलाओं को खाना चाहिए। इसके साथ-साथ मुनगा भाजी खाना भी सेहतमंद साबित हो सकता है। दूध दही स्प्राउट्स सलाद और हर तरह के दलों को अपने खाने में शामिल करना चाहिए।
बच्चा महसूस कर सकता है गर्भ में आपके एहसास को
सेमिनार में फिजियोथैरेपिस्ट तनुश्री ने बताया कि बच्चा 3 महीने के बाद आपके हर अहसास को महसूस कर सकता है। 3 महीने गर्भ में पलने वाला बच्चा अपनी मां और पिता की आवाज को पहचान भी सकता। उन्होंने कहा की आपको घर में पढ़ने वाले बच्चे से बात करनी चाहिए वह उस हर चीजों को रिस्पॉन्स करेगा। इस दौरान ज्यादा से ज्यादा मां को खुश रहना चाहिए इसका असर पेट में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है। अच्छी किताबों के साथ साथ आध्यात्मिक चीजों से भी जुड़ा होना एक बहुत ही अच्छी चीज साबित हो सकती है बच्चे के लिए। आज के समय में गुणवान योग्य होने के साथ-साथ बच्चे का आचरण अच्छा होना भी बहुत आवश्यक है इसके लिए जरूरी है कि गर्भ में पल रहे बच्चों को हम पैदा होने से पहले ही ऐसे संस्कार दें जो उसे एक अच्छा व्यक्ति बनाने में मददगार साबित हो।
बांटे गए पौधे
हर किसी को प्रकृति के करीब रहना चाहिए हमारी आने वाली पीढ़ी को शुद्ध हवा मिले इसके लिए पहल करते हुए डॉक्टर शिल्पा पवार ने सेमिनार के दौरान आने वाले हर व्यक्ति को एक-एक पौधा गिफ्ट के तौर पर दिया और बच्चे की तरह उसका लालन-पालन करने की लोगों से अपील की। उन्होंने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि हम अपने साथ-साथ प्रकृति के बारे में भी सोचें और उसकी चिंता करें।