जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सोमवार को आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में घायल सेना के असॉल्ट डॉग जूम ने गुरुवार दोपहर 12 बजे आखिरी सांस ली। इंडियन आर्मी के चिनार कॉर्प्स के मुताबिक, 9-10 अक्टूबर को सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। जूम भी इसका हिस्सा था। इस दौरान सेना के जवानों ने जूम को एक घर में भेजा, जहां आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली थी। जूम ने आतंकियों की पहचान की और उन पर हमला कर दिया। इस दौरान उसे दो गोलियां लगीं। जख्मी होने के बावजूद वह आतंकियों से लड़ता रहा, जिसके चलते जवानों ने आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। इस एनकाउंटर के दौरान दो जवान भी घायल हुए थे। जूम को सोमवार को वेटरनरी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। यहां तीन दिनों से उसका इलाज चल रहा था। गुरुवार सुबह 11:45 बजे तक वह बेहतर महसूस कर रहा था, लेकिन 12 बजे के करीब वह अचानक हाफने लगा और दम तोड़ दिया। सेना ने जूम के निधन के बाद बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि आर्मी डॉग जूम हमारी टीम का एक अमूल्य सदस्य था। 2 साल की छोटी उम्र के बावजूद, जूम को कई टेरर ऑपरेशन का अनुभव थे, जिनमें उसने अपनी ऊर्जा और साहस से खुद को साबित किया था। 9 अक्टूबर को अनंतनाग में ऑपरेशन के दौरान भी ज़ूम ने अहम भूमिका निभाई।