
घर में पढ़ने का माहौल नहीं होने के कारण एक मुस्लिम लड़के के साथ कोलकाता गई युवती अब वापस अपने घर लौटेगी। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ के समक्ष युवती ने कहा कि वह गुरु गोविद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से बीटेक करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहती है। मगर उसके घर में पढ़ाई का माहौल नहीं है। यही वजह है कि वह मुस्लिम युवक के साथ घर छोड़कर चली गई थी, लेकिन अब वह घर लौटने को तैयार है।
युवती ने एक अधिवक्ता के माध्यम से निकाहनामा तैयार किया था, लेकिन धर्मांतरण से इन्कार किया। पीठ ने रिकार्ड पर लिया कि निकाहनामा तैयार होने मात्र से शादी नहीं होती है। पीठ ने युवती से अलग से बात की, जिस पर वह परिजनों के साथ रहने के लिए तैयार हो गई। इसके बाद माता-पिता को नारी निकेतन से उसे घर ले जाने की अनुमति दे दी गई। पीठ ने कहा कि घर में रखने के दौरान उसकी पढ़ाई में सहयोग करें और किसी तरह से प्रताड़ित नहीं करें।
युवती के परिजनों ने भी सुनिश्चित किया कि पढ़ाई को लेकर वह बेटी की इच्छा का सम्मान करते हैं और घर में पढ़ाई का बेहतर माहौल बनाएंगे। जो भी हुआ उसके लिए बेटी को न तो डाटेंगे, न ही ताने ही मारेंगे और न ही उसकी इच्छा के विपरीत शादी करेंगे। इसके बाद पीठ ने पुलिस से कहा कि इलाके के बीट कांस्टेबल का नंबर युवती को दें, ताकि वह आपात स्थिति में पुलिस से संपर्क कर सके। युवती ने हाई कोर्ट से कहा कि वह अपनी मर्जी से मुस्लिम लड़के के साथ कोलकाता गई थी। हालांकि, पिता ने याचिका में कहा था कि उनकी बेटी सात नंवबर से लापता है, जिसे मुस्लिम युवक जबरन ले गया है।