Ekhabri (धर्म दर्शन)। मान्यता के अनुसार पितरों का आशीर्वाद विशेष फलदायक होता है, लेकिन इससे अलग अगर आपके घर में पितृ दोष है तो आपको इसका विपरीत प्रभाव भी झेलना पड़ेगा।
पितृदोष कई कारणों से होता है लेकिन आमतौर पर लोग इसे समझ नहीं पाते या फिर हल्की बात समझ कर छोड़ देते हैं पित्र पक्ष के इन दिनों में पितरों को तृप्त करने के हर प्रयास किए जाने चाहिए विधिपूर्वक उनका पूजन तर्पण किया जाना चाहिए।
पितरों का अपमान करना, किसी असहाय की हत्या, पीपल, नीम और बरगद के पेड़ कटवाना, जाने-अनजाने नाग की हत्या करना या करवाना पितृ दोष का कारण बनते हैं.
मृत्यु के बाद अगर विधि विधान से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया न की जाए तो ऐसे में पितृ दोष लगता है.
अकाल मृत्यु हो जाने पर परिवार के लोगों को कई पीढ़ियों तक पितृ दोष दंश का सामना करना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को अशुभ और दुर्भाग्य का कारक माना जाता है. अकाल मृत्यु होने पर पितर शांति पूजा करना जरूरी माना जाता है.
माता पिता का अनादर, मृत्यु के बाद परिजनों का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध न करने पर पूरे परिवार पर पितृ दोष लगता है.
पितृ दोष होने पर वैवाहिक जीवन में सदा तनाव बना रहता है. पति-पत्नी के बीच आए दिन झगड़े होते हैं।
परिवार में एकता नहीं होती. अक्सर घर में क्लेश होते है, मानसिक शांति नहीं मिलती, बिना बात के घर में लड़ाई होना पितृ दोष के लक्ष्ण हैं।
पितृ दोष होने पर घर में बीमारियों का डेरा होता है. परिवार के सदस्य हमेशा अस्वस्थ रहते हैं. ऐसे में बार-बार दुर्घटना का शिकार भी होते हैं।
पितृ दोष होने पर विवाह में बाधाएं उत्पन्न होती है. शादी में तमाम तरह की परेशानियां आती है. कई बार तो शादी पक्की होने पर टूट जाती है. मांगलिक कार्य में रुकावट आती है. शादी के बाद तलाक या अलगाव भी पितृ दोष का कारण है.
वंश वृद्धि न होना भी पितृ दोष का कारण है. ऐसे लाख जतन के बाद भी शादी के कई सालों तक संतान सुख नहीं मिल पाता. अगर संतान सुख मिल भी जाए तो बच्चा विकलांग या पैदा होते ही उसकी मृत्यु हो जाती है।
नौकरी और बिजनेस में अक्सर घाटा होना. कार्यस्थल पर आर्थिक के साथ मानसिक परेशानियां झेलनी पड़ती है. नौकरी में तरक्की रुक जाती है।
पितृ दोष से मुक्ति के उपाए
पितृ पक्ष में पूर्वजों के निमित्त विधि विधान से तर्पण और श्राद्ध करें. ब्राह्मण को भोजन कराएं, दान दें. साथ ही साल की हर एकादशी, चतुर्दशी, अमावस्या पर पितरों को जल अर्पित करें और त्रिपंडी श्राद्ध करें.
पितृ पक्ष शांति के लिए रोजाना दोपहर के समय पीपल के पेड़ की पूजा करें. पितरों को प्रसन्न करने के लिए पीपल में गंगाजल में काले तिल, दूध, अक्षत और फूल अर्पित करें. पितृ दोष शांति के लिए ये उपाय बहुत कारगर है.
पितृ पक्ष में रोजाना घर में शाम के समय दक्षिण दिशा में तेल का दीपक लगाएं. ऐसा रोजाना भी कर सकते हैं. इससे पितृ दोष खत्म हो जाता है।
किसी जरुरतमंद को भोजन, दान या गरीब कन्या के विवाह में मदद करने से पितर खुश होते हैं. ऐसा करने से पितृ दोष शांत होने लगता है.
घर में पितरों की तस्वीर दक्षिण दिशा में लगाएं. रोजाना उनसे अपनी गलती की क्षमा मांगे. कहते हैं इससे पितृ दोष का प्रभाव कम होने लगता है.