अपनी आवाज से बांधने की है शक्ति
रायपुर। अपनी आवाज से श्रोताओं को बांधे रखना तब ही संभव है, जब उस आवाज में सच्चाई हो, मिठास हो और लोगों को अपना बनाने की अपील हो। नवरात्र के आठवे दिन हम आपको मिलाएंगे ऐसी शख्सीयत से जो अपनी आवाज के बल पर लोगों के मन में जगह बना लेती हैं। वह कोई और नहीं बल्कि राजधानी की अभिनेत्री व अनाउंसर डॉ. अनुराधा दुबे हैं। अनुराधा की आवाज इन दिनों देश में फैली कोरोना महामारी से बचने के लिए लोगों में जागरुकता लाने के लिए उपयोग की जा रही है।
राजधानी के हर गली मोहल्ले में इन दिनों अनुराधा की आवाज लोगों को भीड़ न बढ़ाने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील करते सुनाई दे रही है। आपको जानकर आश्चर्य होगा की इस रिकाडिंग के लिए न तो किसी स्टूडियो की जरूरत पड़ी और न ही कोई रिटेक की। बल्कि अनुराधा ने अपने मोबाइल में ही अपनी वाइस रिकार्ड कर भेजा जो तुरंत फाइनल कर ली गई। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 93 में दूरदर्शन से की। एक इंटरव्यू के दौरान दूरदर्शन की टीम की मुलाकात अनुराधा से हुई और उन्होंने ही दूरदर्शन में आॅडिशन देने को कहा, पहली बार में ही उन्हें सलेक्ट कर लिया गया। अनुराधा बताती हैं कि दूरदर्शन से उन्होंने कैमरा फेस करना सीखा और आकाशवाणी में अनाउंस कर अपनी आवाज में कंट्रोल कर लोगों को बांधना सीखा। उसके बाद से ही स्टेज एंकरिंग के लिए कई आॅफर आने लगे और सफलता का सफर आगे बढ़ता चला गया।
लोगों के मन में बैठे आवाज ये है प्रयास
अनुराधा बताती हैं कि स्वच्छ भारत की मुहीम से जुड़ना बहुत ही सुखद समय रहा। हम अभी तक समाज से लोगों से बहुत सारी चीजें लिए हैं अब लोगों के लिए कुछ करें ये समय आ गया है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना रोकथाम के लिए जब रिकॉर्डिंग के लिए कहा गया तो वह एक भी पल नहीं सोचीं और तुरंत तैयार हो गईं। यह काम उन्होंने लोगों में जागरुता लाने के लिए निशुल्क किया है। इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा मोबाइल में भी जागरुकता देते संदेश को फोनकॉल के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की गई थी उसमें भी अनुराधा की ही आवाज रिकार्ड की गई थी।
उपलब्धियों पर एक नजर
छत्तीसगढ़ में आने वाले कई दिग्गज नेता और महान हस्तियों के आने पर होने वाले कार्यक्रमों में भी अनाउंसमेंट अनुराधा दुबे ही ने किया है। उन्होंने नरेन्द्र मोदी, प्रणव मुखर्जी, डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम, अटल बिहारी वाजपेयी, मोहम्मद सफी कुरैशी के आने पर आयोजित कार्यक्रमों में अपनी आवाज से लोगों को प्रभावित किया है। मोहम्मद सफी कुरैशी अनुराधा की आवाज और टैलेंट से प्रभावित हो कर उन्हें इंदिरा कला संगीत महाविद्यालय खैरागढ़ के कुलपति पद के लिए भी अनुशंसा किये थे ।
8 से 10 देशों में किया कथक
अनुराधा कथक नृत्यांगना भी हैं। उन्होंने भारत के अलावा अमेरिका, रूस, यूरोप, जर्मनी, रशिया समेत अन्य कई देशों में नृत्य के जरिए भारतीय संस्कृति का बखान किया है।