कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जारी चर्चा में हिस्सा लेते हुए जिस तरह केंद्र सरकार की कूटनीति पर सवाल उठाए, उसका जवाब देने के लिए स्वयं विदेश मंत्री एस. जयशंकर सामने आए। कोरोना से संक्रमण के बाद जयश्ंकर भी स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं, लेकिन उन्होंने राहुल को कूटनीति के कुछ बिसरे अध्यायों की याद दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। साथ ही कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में चीन के हमले की भी याद दिलाई।
जयशंकर ने कहा कि राहुल गांधी का कहना है कि हमें गणतंत्र दिवस पर कोई विदेशी मेहमान नहीं मिल रहा है, लेकिन भारत में रहने वाले लोग जानते हैं कि अभी कोविड की लहर है। मध्य एशिया के पांच देशों के राष्ट्रपतियों को भारत आना था और उन्होंने 27 जनवरी, 2022 को प्रधानमंत्री मोदी के साथ वर्चुअल बैठक की है। राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया है कि भारत की कूटनीतिक विफलता से ही चीन और पाकिस्तान के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं। यहां उन्हें कुछ ऐतिहासिक पाठ दे रहा हूं। वर्ष 1963 में पाकिस्तान ने अक्साई चीन का हिस्सा चीन को सौंप दिया है। पिछली सदी के आठवें दशक में चीन ने गुलाम कश्मीर में काराकोरम राजमार्ग का निर्माण किया। वर्ष 1970 के बाद से पाकिस्तान और चीन के बीच लगातार परमाणु रिश्ते बने हुए हैं। वर्ष 2013 में चीन-पाकिस्तान इकोनमिक कारीडोर का निर्माण शुरू हो चुका था। अंत में जयशंकर ने राहुल से पूछा कि अब आपको अपने आपसे यह सवाल पूछना चाहिए कि क्या चीन व पाकिस्तान तब अलग-अलग थे।