मेडिकल के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-पीजी) में गरीब सवर्णों (ईडब्ल्यूएस) को आरक्षण के लिए आठ लाख रुपये का मानक लागू करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा, ‘अब हमें मामले की सुनवाई करनी होगी और हर चीज कानून में है। संबंधित पक्ष विस्तार से अपनी लिखित दलीलें दाखिल करेंगे। हमने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रखा था और अब हम खुद को सिर्फ ईडब्लूएस मानक तक सीमित रखेंगे।”
इससे पहले एमबीबीएस डाक्टरों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कहा कि परीक्षा का आयोजन मई में होना है। लिहाजा इस पर सुनवाई जल्द की जाए। सिर्फ ईडब्ल्यूएस का मामला बचा है। अगर सरकार की ओर से कुछ दायर करने की जरूरत हुई तो स्थगन से बचने के लिए उसे पहले ही दाखिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले में बहस पूरी हो चुकी है।