
कड़े प्रशिक्षण और फिल्टरिंग प्रक्रिया के चार चरणों से गुजरने के बाद रविवार को अग्निवीरों के पहले बैच ने हैदराबाद के आर्टिलरी सेंटर में रिपोर्ट की। अनुमान है कि देशभर से करीब 2500 अग्निवीर 30 दिसंबर तक हैदराबाद के आर्टिलरी सेंटर में रिपोर्ट करेंगे। कुल 6,000 से अधिक अग्निवीरों को वर्ष 2023 के अंत तक प्रशिक्षित किया जाएगा।
एक रक्षा बयान के अनुसार, अग्निवीरों का भारतीय सेना में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इतनी बड़ी संख्या में प्रशिक्षुओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र ने पहले ही आवश्यक तैयारी कर ली है। अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। यही नहीं समग्र रूप से अग्निवीरों और सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी संशोधन किया है। केंद्र द्वारा घोषित अग्निपथ योजना अब सिरे चढ़ने लगी है और अग्निवीरों के पहले बैच ने अपने संबंधित प्रशिक्षण केंद्रों को रिपोर्ट करना शुरू कर दिया है। इन अग्निवीरों को देशभर के प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा।
कौन हैं अग्निवीर
केंद्र सरकार ने जून 2022 में अग्निपथ योजना शुरू की थी। इसके तहत सशस्त्र बलों की तीन सेनाओं में चार साल के लिए सैनिकों की भर्ती होनी है। इन सैनिकों को अग्निवीर नाम दिया गया है। भर्ती होने वाले युवाओं को छह महीने तक ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद साढ़े तीन साल तक सेना में सर्विस देनी होगी। योजना के तहत श्ाुरुआती वेतन 30,000 रुपये दिया जाएगा जोकि सर्विस के चौथे साल तक बढ़ाकर 40 हजार रुपये तक हो जाएगा। सेवा निधि योजना के तहत सरकार वेतन का 30 प्रतिश्ात हिस्सा सेविंग के रूप में रख लेगी। साथ ही इसमें वह भी इतना ही योगदान करेगी। चार साल बाद सैनिकों को 10 लाख से 12 लाख रुपये दिए जाएंगे। ये रकम टैक्स फ्री होगी। योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया जाएगा।