केंद्र सरकार ने देश में कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट से जुड़ी पहली मौत की पुष्टि कर दी है। पिछले हफ्ते राजस्थान के उदयपुर में बुजुर्ग की मौत हुई थी। इसके ओमिक्रोन से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। देश भर में ओमिक्रोन के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। कर्नाटक में 149 नए मामले पाए गए। पूरे देश में अब तक 22 सौ से ज्यादा ओमिक्रोन के मामले मिल चुके हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि उदयपुर में जो मौत हुई है वह तकनीकी रूप से ओमिक्रोन से जुड़ी है। उन्होंने कहा, ‘ओमिक्रोन पाजिटिव रिपोर्ट आने से पहले ही व्यक्ति की मौत हो गई थी। बुजुर्ग व्यक्ति को पहले से ही शुगर और अन्य गंभीर बीमारियां थीं। कोरोना से संक्रमित होने के बाद उनका इलाज प्रोटोकाल के मुताबिक ही किया जा रहा था।”
अग्रवाल ने कहा, ‘हमारे दिशानिर्देशों में कहा गया है कि यदि किसी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की मौत होती है, तो उसे कोरोना से हुई मौत माना जाता है। इसी तरह यदि किसी व्यक्ति को उसकी मौत के बाद भी ओमिक्रोन से संक्रमित पाया जाता है तो उसे ओमिक्रोन पाजिटिव केस ही माना जाएगा।”
बुजुर्ग की मौत 31 दिसंबर को हुई थी। उन्हें 15 दिसंबर को कोरोना से संक्रमित पाया गया था। बाद में 21 और 30 दिसंबर को उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी। उदयपुर के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डा. दिनेश खराडी ने उनकी मौत को पोस्ट-कोविड न्यूमोनिया और अन्य गंभीर रोग की वजह से होना बताया था। उनके नमूने को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था, जिसमें उनके ओमिक्रोन से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
इससे पहले महाराष्ट्र के पिंपरी-चिंचवाड़ में भी पिछले महीने एक व्यक्ति की ओमिक्रोन से मौत की खबर आई थी। परंतु, अभी तक आधिकारिक तौर पर उसकी ओमिक्रोन से मौत की पुष्टि नहीं की गई है।
देश भर में ओमिक्रोन वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। अब तक 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसके कुल 2,284 मामले मिल चुके हैं, जिनमें से 828 ठीक भी हो चुके हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक और केरल में सबसे अधिक केस मिले हैं।