छतीसगढ़ के रायपुर के व्यापारियों से जोधपुर राजस्थान के जालसाजों ने एक करोड़ 58 लाख रुपये ठग लिए। पंकज मलंग 31 वर्ष निवासी पाल हाउस के पास फाफाडीह रमण मंदिर वार्ड जिला रायपुर छतीसगढ़ की शिकायत पर मदनमहल पुलिस ने धोखाधड़ी की एफआइआर दर्ज की है। धोखाधड़ी के आरोपितों लक्ष्मण नगर नंदरी रूरल जोधपुर,राजस्थान निवासी भानू प्रताप सिंह तथा 933/5 गांधीपुरा बीजेएस कालोनी जोधपुर सिटी पश्चिम राजस्थान निवासी महेंद्र प्रताप सिंह की तलाश की जा रही है।
मदनमहल थाना प्रभारी नीरज वर्मा ने बताया कि पंकज मलंग रायपुर में इलेक्ट्रानिक सामग्री का व्यापार करते हैं। आरोपितों भानू प्रताप व महेंद्र प्रताप से उनकी पुरानी जान पहचान थी। कुछ वर्ष पूर्व भानू प्रताप ने पंकज को बताया कि महेंद्र प्रताप के साथ मिलकर उसने व्यावसायिक कंपनी सांग्याजी इंटरप्राइजेस के अंतर्गत इलेक्ट्रानिक सामान की एक बड़ी कसाइनमेंट विदेश से मंगवाई है। करीब एक करोड़ रुपये का निवेश कर चार करोड़ रुपये की आमदनी की जा सकती है। इस कारोबार के लिए उन्होंने जबलपुर को मुख्यालय बनाया है। भानू ने उसे लालच दिया कि यदि वह एक करोड़ रुपये का निवेश करता है तो उसे चार गुना फायदा होगा। लालच में आकर पंकज ने अपने चचेरे भाई सतीश मलंग से इस संबंध में चर्चा की, जिसके बाद पंकज व सतीश जबलपुर पहुंचे। अग्रवाल कालोनी स्थित कार्यालय में भानू प्रताप व महेंद्र प्रताप से व्यावसायिक अनुबंध किया। इस दौरान विजय नगर निवासी नारायण चक्रवर्ती तथा पद्मेश शुक्ला गवाह बने। करण तलरेजा एवं रतन कुमार आसमानी को मलंग भाइयों ने साझेदार बनाया था। वर्ष 2017 में हुए अनुबंध के बाद इलेक्ट्रानिक सामान की खरीदी तथा उसे बेचकर होने वाले मुनाफे के नाम पर भानू व महेंद्र चचेरे भाइयों से रकम ऐंठते रहे। 2018 तक एक करोड़ 58 लाख रुपये ऐंठने के बाद दोनों अग्रवाल कालोनी स्थित कार्यालय को बंद कर भाग गए।
मदनमहल थाना प्रभारी ने बताया कि पीड़ित चचेरे भाइयों को जालसाजों ने जानकारी दी थी कि वे विदेश से आधुनिक किस्म का कैमरा मंगवा रहे हैं। उस कैमरे से ली हुई तस्वीरों में किसी भी इंसान का व्यक्तित्व अलग नजर आता है। उन्होंने कुछ फोटो व पोस्टर भी चचेरे भाइयों को दिखाए थे। जिसके बारे में दावा किया था कि उसी कैमरे से तस्वीरें ली गई हैं। दोनों भाइयों ने सोचा कि ऐसा कैमरा बेचकर अच्छी खासी कमाई की जा सकेगी। रकम देने के बाद जालसाज जबलपुर से भाग गए और कैमरे की सप्ताई भी नहीं की।
थाना प्रभारी ने बताया कि जबलपुर से भागे जालसाजों की तलाश में चचेरे भाई जोधपुर पहुंचे। जहां दोनों को पकड़ लिया गया। अपनी जान बचाने के लिए उन्होंने चचेरे भाइयों को 59 लाख रुपये का बैंक चेक दिया था। 23 फरवरी 2021 को चेक बैंक में लगाया गया तो वह अनादरित हो गया। रकम वापस मांगने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। शिकायत जांच पर भानू प्रताप व महेंद्र प्रताप के खिलाफ एक करोड़ 58 लाख की धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर दोनों की तलाश की जा रही है।