
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई, साथ ही कई अहम समझौते भी हुए। दोनों देशों के बीच पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर बातचीत हुई तो साथ ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को साल 2030 तक 500 अरब डॉलर तक लेकर जाने का भी लक्ष्य तय किया गया।
रक्षा क्षेत्र
पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में कई अहम समझौते हुए, जिनमें दोनों देशों के बीच एक 10 साल का फ्रेमवर्क बनाने पर सहमति बनी, जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी को बढ़ाया जाएगा। इसके तहत भारत, अमेरिका से जेवलिन एंटी टैंक मिसाइलें, स्ट्राइकर आर्म्ड लड़ाकू वाहन और पी81 नौसैनिक सर्विलांस विमानों की खरीद करेगा। साथ ही इंटरनेशनल ट्रैफिक इन आर्म्स रेगुलेशंस की भी समीक्षा की जाएगी, जिससे दोनों देशों के बीच तकनीकी स्थानांतरण और रक्षा उपकरणों की सप्लाई हो सके।भारत और अमेरिका रेसीप्रोकल डिफेंस अधिग्रहण समझौते पर बातचीत के लिए भी सहमत हुए हैं। अगर सब कुछ सही रहता है तो दोनों देश एक दूसरे के यहां से अहम रक्षा उपकरणों की खरीद कर सकेंगे। दोनों देशों में अंतरिक्ष, हवाई सुरक्षा, मिसाइल, मेरीटाइम और समुद्री युद्ध जैसे क्षेत्रों में रक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी बात हुई। अमेरिका ने भारत को पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बेचने के लिए अपनी नीति की समीक्षा का भी एलान किया है। एफ-35 लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने भी एक बयान जारी कहा कि ‘भारत को एफ-35 लड़ाकू विमान मुहैया कराने के एलान से हम उत्साहित हैं। हम दोनों सरकारों के साथ मिलकर काम करने और लड़ाकू विमान, जैवलिन और हेलीकॉप्टर्स जैसे रणनीतिक अधिग्रहण पर काम करेंगे, जिससे भारतीय सशस्त्र बलों को और सशक्त करेंगे।’
भारत और अमेरिका ने ओटोनॉमस सिस्टम्स इंडस्ट्री अलायंस (ASIA) समझौते की शुरुआत की है। इसके तहत दोनों देश समुद्र की भीतर सहयोग को बेहतर बनाएंगे और अंडरवाटर डोमेन अवेयरनेस के तहत संवेदनशील तकनीक को साथ मिलकर विकसित करेंगे। भारत पहला देश है, जिसके साथ मिलकर अमेरिका संवेदनशील समुद्री तकनीक को विकसित करेगा। साथ ही सी पिकेट सर्विलांस सिस्टम, वेब ग्लाइडर अनमैन्ड व्हीकल, लो फ्रीक्वेंसी एक्टिव सोनार्स, समेत विभिन्न रक्षा तकनीक साथ मिलकर विकसित करने पर भी दोनों देशों में बात हुई।
व्यापार
भारत और अमेरिका ने द्विपक्षीय व्यापार को साल 2030 तक 500 अरब डॉलर करने का भी लक्ष्य तय किया है। दोनों देशों के बीच अहम व्यापारिक समझौतों पर इस साल ही सहमति बनाई जा सकती है।
तकनीकी क्षेत्र में सहयोग
पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर दोनों देशों के बीच सरकार, शिक्षा और निजी क्षेत्र के साथ ही अहम तकनीक पर सहयोग बढ़ाने के लिए ट्रांसफोर्मिंग द रिलेशनशिप यूटिलाइजिंग स्ट्रैटेजिक टेक्नॉलोजी पहल का एलान किया है। एआई के क्षेत्र में सहयोग के लिए दोनों देशों के बीच इस साल के अंत तक एक रोडमैप तैयार किया जा सकता है। अमेरिका में भारतीय दवाईयों के उत्पादन में विस्तार पर भी सहमति बनी है। अमेरिका एक नेशनल साइंस फाउंडेश और भारत के अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के बीच उभरती हुई तकनीक और रिसर्च में सहयोग बढ़ाने पर भी दोनों देशों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं।