रायपुर,पूनम ऋतु सेन।धमतरी जिले में स्थित गंगरेल डैम की पहचान ‘छत्तीसगढ़ का मिनी गोवा’ के रूप में है। गंगरेल डैम (धमतरी) राज्य का सबसे बड़ा डैम है जहां आप गोवा का मज़ा ले सकते हैं छत्तीसगढ़ की शानदार टूरिज़्म में विशालकाय डैम, अंगरमोती माता दर्शन, मानव वन, पिकनिक स्पॉट, एडवेंचर स्पोर्ट्स, वाटर स्पोर्ट्स, जंगल ट्रेकिंग, नाईट कैम्प, बोटिंग और भी बहुत कुछ… चलिये विस्तार से जानतें हैं कैसे प्लान करें ‘1 डे ट्रिप टू गंगरेल’
पहला पड़ाव
गंगरेल जाने के मार्ग पर सबसे पहले विंध्यवासिनी माता का मंदिर आता है, धमतरी का सौभाग्य है कि यहां देवी के रूप में मां विंध्यवासिनी स्वयंभू रूप में अवतरित है। वर्तमान में इस देवी को धमतरी नगर की देवी के रूप में माना जाता है। यह देवी बिलाई माता के में नाम से छत्तीसगढ़ राज्य में जानी जाती है। यहां नवरात्र के अवसर पर ज्योत कलश प्रज्ज्वलित किये जाते हैं। यहाँ दर्शन कर सामने स्थित किसी भी होटल से चाय व नाश्ता कर अगले पड़ाव के लिए जा सकते हैं।
दूसरा पड़ाव
धमतरी से 10 कि.मी. की दूरी पर स्थित है, गंगरेल बांध। गंगरेल पहुँचने पर आपको यहाँ मनोरम दृश्य दिखाई देगा। पर्यटक यहां बोटिंग एवं उद्यान का आनंद उठा सकते हैं। गंगरेल में रूकने की उत्तम व्यवस्था भी है जिसे छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा निर्मित किया गया है। यहां खूबसूरत बगीचे एवं लक्जरी कॉटेज बने हैं। यहां से आप गंगरेल बांध एवं प्राकृतिक नजारे का लुफ्त उठा सकते हैं। यदि आप बॉन फायर और नाइट कैम्प करने के इछुक हैं तब यह आपके लिए बेहतरीन विकल्प होगा। (आप यहाँ दिखाए गए फोटोज़ से बोटिंग की जानकारी ले सकते हैं।)
तीसरा पड़ाव
धमतरी जिला मुख्यालय से 13 कि.मी दूर ग्राम गंगरेल में मां अंगार मोती स्थित है। भक्तजन प्रतिदिन यहां दर्शनार्थ आते हैं। बताया जाता है कि चंवरगांव में मां अंगारमोती का 600 साल पुराना मंदिर था। लेकिन गंगरेल बांध के बनने के बाद गांव में स्थित मंदिर डूब गया था। लोग कहते हैं कि इसके बाद डूब के क्षेत्र चंवरगांव के बीहड़ में माता स्वयं प्रकट हुईं और अपने तेज से इलाके को अलौकिक कर दिया। चमत्कारों वाली माता के नाम से प्रसिद्ध माता के भक्तों ने 1972 में गंगरेल बांध के पास मां अंगारमोती को स्थापित किया मंदिर में अंगारमोती माता के अलावा शीतला माता, दंतेश्वरी माता और भैरव बाबा भी स्थापित हैं ।मान्यता है कि श्रद्धा के साथ जो भक्त यहां नारियल बांधता है, मां उसकी मुराद जरूर पूरा करती हैं यहां नवरात्र में भक्त मनोकामना ज्योत भी जलाते हैं।
अंतिम पड़ाव
अब हम पहुंचते हैं सफर के अंतिम पड़ाव में, जहां आकर आप रोमांच से भर जायेगें। अंगार मोती मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। अंगार ईको एडवेंचर कैम्प। यहां पर प्रत्येक कदम में आपको पूनः नये-नये एडवेंचर से गुजरना पड़ेगा जिसमें बर्मा ब्रिज, कमांडो नेट, टाइगर शोइंग, रूफ क्रासिंग जैसे एडवेंचर रोमांचित कर देंगे।
गंगरेल बांध
नदी का स्रोत – महानदी, उद्गम स्थल- सिहावा
विद्युत उत्पादन 10 मेगा वाट जिसमें 2.5 मेगा वाट की चार युनिट लगी है।
बांध की ऊंचाई – 47 मीटर
निर्माण – सन् 1978 मशीनरी – जर्मनी की एलेस्टेम कंपनी
ऐसे पहुंचे गंगरेल
गंगरेल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से मात्र 82 कि.मी. दूर है। मुम्बई-हावड़ा रेलमार्ग पर स्थित रायपुर निकटतम रेल्वे स्टेशन है जो देश के सभी नगरों से सीधे जुड़ा हुआ है। रायपुर से गंगरेल के लिये आरामदेह बस व टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है एवं गंगरेल में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा निर्मित ठहरने के लिये विश्राम गृह भी उपलब्ध है।
धमतरी से रायपुर पहुँचने के लिए मुख्यतः दो मार्ग हैं-
- रायपुर-धमतरी नेशनल हाईवे-
- पुराना धमतरी रोड
सामान्यतः धमतरी ज़िले तक पहुँचने के लिए रायपुर से 2 से 2.15 घण्टे लगतें हैं, लेकिन वर्तमान में रोड के निर्माणाधीन होने के कारण कुछ विलम्ब हो सकता है, ऐसे में पर्यटक समय का ध्यान रखते हुए यह ट्रिप प्लान करें।
इसके अतिरिक्त यदि आप कॉटेज बुक कराना चाहते हैं तो छत्तीसगढ़ टूरिज्म के वेबसाइट http//www.tourism.cg.gov.in पर ऑनलाइन बुकिंग करा सकतें हैं।