उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के हिंदू कालेज में पहली बार लागू ड्रेस कोड को लेकर बुधवार को अनुशासन तोड़ने की कोशिश की गई। कुछ छात्राओं ने बुर्का पहनकर कालेज में प्रवेश करने का प्रयास किया। रोकने पर वह कालेज के दूसरे गेट को बंद पर धरने पर बैठ गईं और नारेबाजी करने लगीं। उनके सर्मथन में समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने भी नारेबाजी की। हालांकि शिक्षकों के समझाने के बाद छात्राएं लौट गईं। इससे आधा घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
हिंदू कालेज में पहली जनवरी से ड्रेस कोड लागू किया गया है। इसे सख्ती के साथ लागू भी किया गया है। मुख्य गेट से ड्रेस वाले छात्र-छात्राओं को ही प्रवेश दिया जाता है। बुधवार को कुछ छात्राएं बुर्का पहनकर पहुंचीं और कालेज में जाने का प्रयास किया। एक महिला प्रोफेसर ने उन्हें रोककर ड्रेस में आने के लिए कहा। इस पर छात्राओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। दूसरा गेट बंद कर वहीं धरने पर बैठ गईं। उनकी प्रोफेसर से भी तीखी नोकझोंक हुई। नारे लगाकर विरोध जताया।
चीफ प्राक्टर ने भी छात्राओं को समझाने का प्रयास किया। इसी बीच सछास कार्यकर्ताओं ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। छात्राओें का कहना था कि वे पहली बार कालेज में बुर्का पहनकर नहीं आई हैं। पहले से बुर्के में आ रही हैं और आगे भी इसी तरह ही आएंगी। आरोप था कि उनसे सड़क पर ही बुर्का उतरवाया जा रहा है, जबकि कालेज स्टाफ का कहना था कि इसके लिए चेंजिग रूम बना हुआ है। प्राचार्य प्रो. सत्यव्रत सिह रावत के आने पर सछास की राष्ट्रीय सचिव दुर्गा शर्मा के नेतृत्व में छात्र-छात्राओं ने ज्ञापन दिया। इसमें बुर्का पहनकर आने की अनुमति की मांग की गई। इसके बाद प्रदर्शनकारी लौट गए।