आज 19 जनवरी को गुरु प्रदोष व्रत है. आज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा शाम को करते हैं. प्रदोष व्रत की पूजा करते समय आपको कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए. भगवान शिव आदियोगी हैं, गृहस्थ होने के बाद भी वह एक संन्यासी का जीवन व्यतीत करते हैं. उनकी पूजा में कई ऐसी वस्तुएं हैं, जिनका उपयोग वर्जित है. यदि आप पूजा के समय वर्जित वस्तुओं को भगवान भोलेनाथ को अर्पित करते हैं तो वे आप से नाराज हो सकते हैं. आप जिस मनोकामना के लिए व्रत कर रहे हैं, वह भी अपूर्ण हो सकता है. ऐसे में आपको पूजा के नियमों को जरूर जानना चाहिए.
तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कृमार भार्गव बताते हैं कि गुरु प्रदोष व्रत मुख्यत: किसी कठिन कार्य में सफलता या फिर शत्रुओं पर विजय प्राप्ति के लिए रखा जाता है. इस व्रत को करने से साहस और पराक्रम में वृद्धि होती है. जानते हैं शिव पूजा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में.
शिव पूजा में क्या न करें
- शिव पूजा के समय शिवलिंग पर तेज धारा से कभी भी जलाभिषेक न करें. ऐसे ही दूध से अभिषेक करते समय भी ध्यान रखें.
- भगवान शिव की पूजा में तुलसी के पत्ते, हल्दी, सिंदूर, नारियल, शंख, केतकी फूल, केवड़ा फूल आदि का उपयोग न करें.
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पूजा के समय आप कभी भी शिवलिंग की पूरी परिक्रमा न करें. शिवलिंग की आधी परिक्रमा करने का विधान है.
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जो अविवाहित युवतियां हैं, उनको शिवलिंग को स्पर्श नहीं करना चाहिए. आप चाहें तो शिव परिवार की पूजा कर सकती हैं.
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प्रदोष काल की पूजा हमेशा शाम के समय करते हैं. सूर्यास्त के बाद से प्रदोष पूजा का मुहूर्त होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव प्रसन्न होकर नृत्य करते हैं.