सांसारिक सुख क्षणिक होता है जो सुख आज प्राप्त हो रहा है वह सुख स्थाई नहीं है। यह सुख आपके साथ सर्वथा नहीं रहने वाला , आपको दुख भी प्राप्त होगा। परंतु संसार से वियोग अर्थात मुक्ति परम आनंद को प्राप्त कराती है , यह ईश्वर तक पहुंच आती है।
संबंध उसी आत्मा से जुड़ता है
जिनका हमसे पिछले जन्मों का
कोई रिश्ता होता है वरना दुनिया के इस भीड़ में कौन किसको जानता है।
माना जाता है जीवन के पूर्व कर्मों का फल इसी जन्म में प्राप्त होता है। जितने भी रिश्ते-नाते , सुख-दुख व्यक्तिगत जीवन में प्राप्त होते हैं , वह पूर्व जन्मों का फल है। वरना कौन इतनी बड़ी दुनिया में आपसे दिल लगाता है।