
कोरिया जिले के अंतर्गत पटना नगर पंचायत स्थित पंडित ज्वाला प्रसाद उपाध्याय शासकीय महाविद्यालय पर विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों ने बिना रसीद पैसे लेने का आरोप लगा है। इस आरोप पर महाविद्यालय प्रबंधक ने कहा कि नियम की जानकारी नहीं होने के कारण ऐसा हुआ है। अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या इस विषय में जिला प्रशासन संज्ञान लेता है और निष्पक्ष जांच करता है या नहीं?
इस महाविद्यालय के प्राचार्य शिवशंकर रजवाड़े से जब इस आरोप के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा की एमए इतिहास विभाग और राजनीति विज्ञान विभाग के लिए पुस्तक क्रय करने के लिए संबंधित विषय के विद्यार्थियों से प्रत्येक विद्यार्थियों से पांच- पांच सौ रुपए लिया गया है। यह बात सच है, परंतु जब उनसे यह पूछा गया कि क्या यह नियमानुसार सही है तो उन्होंने कहा कि इस बात की जानकारी नहीं है कि यह नियम में है या नहीं? पूर्व में भी जो भी प्राचार्य इस महाविद्यालय में रहे हैं। उनके द्वारा ऐसे ही विद्यार्थियों से पैसा लेकर पुस्तक क्रय किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि वह इस बात की जानकारी ले लूंगा कि यह नियमानुसार सही है या नहीं? अगर सही नहीं होगा तो विद्यार्थियों का पैसा रिफंड कर दिया जाएगा।
जब इस मामले में उनके द्वारा तैयार पुस्तकों की सूची देखी गई तब उसमें पूरे पुस्तकों के दाम लिखे पाए गए। बिना किसी कोटेशन या खरीदी प्रक्रिया के बिना किस आधार पर पुस्तकों के दाम सूची में दर्ज किया गया था। यह जांच का विषय हो सकता है।