रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनमानस के व्यापक हित एवं सुविधा को ध्यान में रखते हुए आगामी विभिन्न त्यौहारों एवं सार्वजनिक उत्सवों के आयोजन हेतु नगरीय क्षेत्रों में सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश में गणेशोत्सव- दुर्गोत्सव को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है। प्रतिमाओं और इनके विसर्जन को लेकर खुद मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर्स को निर्देशित किया है। पूरे प्रदेश में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और राज्य शासन के पर्यावरण से जुड़े मानकों के आधार पर प्रतिमाओं का विसर्जन और अन्य व्यवस्थाएं होंगी। मुख्यमंत्री की तरफ से कहा गया है कि किसी भी सूरत में नदियों में विसर्जन न हो इसका बंदोबस्त करना होगा। हर जिले के कलेक्टर को सीएम ने पत्र भेजा है। गाइड लाइन के अनुसार तीज, गणेश विसर्जन, दुर्गा पूजा, पितृमोक्ष- अमावस्या एवं अन्य त्यौहारों के लिए सार्वजनिक आयोजनों हेतु तालाबों / घाटों पर साफ -सफाई की व्यवस्था, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव, फागिंग, शुद्ध पेयजल आदि की समुचित व्यवस्था हो। तालाबों / घाटों पर विसर्जन के पूर्व पूजन सामग्री को अलग-अलग कर उपयुक्त स्थल पर रखा जाए। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार नदी में मूर्तियों का विसर्जन किसी भी परिस्थिति में न किया जाए, नदी के जल को दूषित होने से बचाया जाए। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्देशानुसार ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण रखने हेतु जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक कार्यवाही करें । प्लॉस्टर ऑफ पेरिस तथा अन्य प्रतिबंधित सामग्री से बनी मूर्तियों के निर्माण को रोकने के लिए कार्रवाई हो। आयोजन स्थलों के समीप यथा संभव मोबाईल मेडिकल यूनिट की व्यवस्था की जाए । मूर्ति विसर्जन के रूट का चयन न्यूनतम यातायात बाधा के आधार पर किया जाए। आयोजन स्थलों पर प्रॉपर लाइटिंग हो। शहर में आवारा मवेशियों को पकड़कर कांजी हाऊस में भेजा जाए, जिससे यातायात व्यवस्था सुगम बनी रहे ।