अंतागढ़ । अंतागढ़ को जिला का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर सैकड़ों क्षेत्रवासियों ने चक्का जाम कर दिया। इस कारण नगर सहित बड़े क्षेत्र की दुकानें बंद रहीं। लोगों ने कहा कि 30 सितंबर तक अगर अंतागढ़ को जिला का दर्जा नहीं दिया गया तो क्षेत्र की जनता 2 अक्टूबर से रायपुर के लिए पदयात्रा करेगी। ब्रिटिशकालीन अंतागढ़ तहसील को जिला बनाने की मांग को लेकर पिछले कई दशकों से जिला संघर्ष समिति वा क्षेत्रवासी धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं, किंतु आज पर्यंत तक अंतागढ़ को जिला का दर्जा नहीं मिल पाया है, जिसके चलते आज ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे 5 शहीद वीरनारायण चौक पर चक्काजाम कर दिया, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित रहा। मार्ग बंद होने के चलते भानुप्रतापपुर, नारायणपुर, अमाबेड़ा कोयली बेड़ा मार्ग में यात्री गाडिय़ों के पहिए थमे रहे। वहीं स्थानीय व्यापारियों, अमाबेड़ा क्षेत्र के व्यापारियों ने भी अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद कर इस चक्काजाम का समर्थन किया। चक्काजामजाम होने से आने जाने वाले राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बता दें की अंतागढ़ क्षेत्रवासियों ने पिछले 18 अगस्त 2021 से अंतागढ़ को जिला बनाने की मांग शुरू की थी। मैराथन आंदोलन, धरना प्रदर्शन, सड़कजाम क्षेत्रवासियों द्वारा किया गया था। जो लगभग 150 दिनों तक लगातार चला था। उसके बाद कोरोना को देखते हुए आंदोलन को स्थगित किया गया। अंतागढ़ के क्षेत्रवासियों ने एक बार फिर पुन: 5 अगस्त से जिला बनाने के लिए सर्वसमाज, सर्वदलीय के बैनर तले दोबारा शहीद वीरनारायण चौक पर पंडाल लगाकर अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया गया था, लेकिन उसके बाद भी शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षक नहीं हुआ तो अंतागढ़ वासी आज मुख्य मार्ग को ब्लॉक कर सड़क में ही धरने पर बैठ गए। इस आंदोलन का समर्थन करने आसपास के क्षेत्रवासीा खुद के खर्चे पर बड़ी तादाद में पहुंचे। साथ पूरे नगर के छोटे बड़े व्यपारिक प्रतिष्ठान भी पूरी तरह से बंद कर समस्त व्यपारी भी धरना स्थल पर मौजूद रहे।
बोन्दानार क्षेत्रवासी पदयात्रा कर पहुंचे धरना स्थल
बता दें कि अंतागढ़ से 14 किलोमीटर दूर बोन्दानार ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में अंतागढ़ तक पदयात्रा कर रैली की शक्ल में धरना स्थल तक नारेबाजी करते हुए पहुंचे और आंदोलन का हिस्सा बने। चक्का जाम के दौरान आये हुए ग्रामीणों का जोश देखते ही बनता था। सैकड़ों की तादाद में आए आंदोलनकारी मुख्य मार्ग पर कुर्सी कालीन लगाए सड़क पर बैठ गए, जिससे मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया था। उनका कहना था कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी तब तक हम यहां से नहीं हटेंगे। आंदोलन में आए हुए सभी ग्रामीणों के लिए समिति द्वारा भोजन की व्यवस्था की गई थी। भोजन के पश्चात आंदोलनकारी अपनी जगह में फिर बैठ गए और रास्ता रोका। दूरदराज से आए हुए ग्रामीणों ने अपने-अपने उद्बोधन में अंतागढ़ को जिला बनाने के संबंध में अपने वक्तव्य कहे और कहा कि अगर अंतागढ़ जिला नहीं बनता है तो हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी अंतत: प्रशासन की ओर से एडीएम अंतागढ़ चंद्रकांत वर्मा, एसडीओपी अमर सिदार एवं टीआई रोशन कौशिक के साथ धरना स्थल पर पहुंच आंदोलनकारियों व उपस्थित क्षेत्रवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा की निश्चित ही आप सभी की मांगों को गौर करते हुए आपकी बातों को शासन स्तर तक पंहुचाया जाएगा । वहीं आंदोलनकारियों ने कहा कि हमारी मांगों पर 30 सितंबर तक शासन नहीं माना तो क्षेत्र की जनता हजारों की संख्या में 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन अंतागढ़ से रायपुर तक पदयात्रा कर मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बातों को रखेगा।