ग्रामीण हुए काम रुकवाने लामबंद
बालोद/ गुरुर । गुरुर ब्लाक के ग्राम पंचायत मोहारा में इन दिनों अवैध मुरुम खनन का आरोप लगाते हुए ग्रामीण पंचायत प्रशासन के खिलाफ हो गए हैं। खास तौर से सरपंच और सरपंच पति के खिलाफ मनमानी किए जाने का आरोप लगाया गया है। पंचायत प्रस्ताव के खिलाफ काम करने को लेकर ग्रामीणों ने आवाज उठाई है। मामला मूल रूप से गांव के जोगी डबरी से मुरुम की परिवहन की अनुमति की आड़ में मुरूम का खनन किए जाने को लेकर है। खनिज विभाग द्वारा संबंधित मित्तल कंस्ट्रक्शन व पंचायत द्वारा प्रस्ताव कर मुरूम परिवहन की अनुमति दी गई है। जो सनौद से गुरूर मार्ग में खपाई जानी है। जिसमें 4000 घनमीटर तक मुरूम परिवहन की बात कही गई है। लेकिन इस परिवहन के अनुमति की आड़ में कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा पंचायत प्रशासन की सांठगांठ के चलते अवैध खनन किया जा रहा है और शासन प्रशासन को रायल्टी के नाम पर चुना लगाया जा रहा है। ग्रामीणों का एक मत है कि तालाब गहरीकरण और साफ सफाई के दौरान निकले हुए मटेरियल गौण खनिज को परिवहन की अनुमति दी गई है। ना कि उनके खनन की। नियम विरुद्ध कार्य करते हुए विभाग की अनुमति को भी दरकिनार कर ठेकेदार द्वारा सरपंच पति से सांठगांठ कर अवैध खनन किया जा रहा है। जिसका काम रुकवाने के लिए ग्रामीण लामबंद हो गए हैं। विगत 24 मार्च को गांव में बैठक भी हुई और काम रुकवाने सर्वसम्मति निर्णय लिया गया। जिसके बाद 25 मार्च को काम रुकवाया गया। लेकिन सरपंच पति द्वारा भी मनमानी करते हुए दोबारा काम शुरू करवा दिया गया। काम रुकवाने व काम शुरू करवाने का सिलसिला चल रहा। ऐसे में ग्रामीणों ने कलेक्टर व खनिज विभाग के अधिकारियों से मामले की जांच कर ठेकेदार व मनमानी कर रहे सरपंच व सरपंच पति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने एक प्रतिलिपी दिखाते हुए कहा है कि सरपंच दीपधा साहू सहित सभी पंचों के नाम सहित एक प्रस्ताव पंचायत द्वारा दिया गया है। जिसमें जोगी डबरी में से मित्तल कंस्ट्रक्शन धमतरी को मुरुम परिवहन किए जाने की बात की गई है।
खनिज विभाग ने इन शर्तों पर दी है अनुमति
तो वहीं खनिज विभाग द्वारा जारी आदेश में भी मित्तल कंस्ट्रक्शन कंपनी धमतरी को कहा गया है कि उक्त डबरी से गहरीकरण व सफाई कार्य से प्राप्त खनिज मुरुम मात्रा 4000 घन मीटर को परिवहन किया जाएगा। अनुमति 8 मार्च से 7 जून 2022 तक 3 माह के लिए दी गई है। जिसमें 6 शर्ते भी तय की गई है। जिसके अनुसार तालाब गहरीकरण एवं सफाई से प्राप्त मुरुम का ही परिवहन किया जाएगा। खनिज की अग्रिम रॉयल्टी जमा कर जिला अध्यक्ष कार्यालय से खनिज परिवहन हेतु अभिवहन पास प्राप्त कर किया जाएगा। बगैर अनुमति के खनिजों का परिवहन अवैध होगा। परिवहन किए खनिज की मात्रा का पूर्ण तथा सही लेखा संधारित करना होगा। किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त होने व जांच में सही पाए जाने पर उपरोक्त जारी अनुमति 10 दिवस की सूचना देते हुए कलेक्टर द्वारा कभी भी निरस्त की जा सकेगी। खनिज परिवहन के दौरान पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े इसका विशेष ध्यान रखना होगा। लेकिन ठेकेदार और सरपंच व सरपंच पति मनमानी करते आ रहे हैं।