आयकर विभाग के अधिकारी बराती बनकर पहुंचे और महाराष्ट्र के जालना एवं छत्रपति संभाजी महाराज नगर (औरंगाबाद) जिले में आधा दर्जन व्यापारिक संस्थानों पर छापा मारकर करीब 390 करोड़ की संपत्ति जब्त की। इसमें 58 करोड़ नकद, 32 किलो सोना और करीब 300 करोड़ की बेनामी संपत्तियां शामिल हैं। तीन अगस्त से शुरू हुई छापे की यह कार्रवाई आठ अगस्त तक चली। शुरुआत में तीन दिन तक स्थानीय पुलिस को भी भनक नहीं लगी।
आयकर विभाग के अनुसार उन्हें स्टील कारोबार एवं फैक्ट्रियों के एक बड़े केंद्र जालना की चार कंपनियों, छत्रपति संभाजी महाराज नगर के व्यवसायी एवं प्रापर्टी डीलर द्वारा आयकर चोरी की ठोस सूचना मिली थी। इसके बाद आयकर विभाग के 260 अधिकारियों की बड़ी टीम 120 कारों में सवार होकर छापा मारने इन कंपनियों में जा धमकी। इन कारों के काफिले में शामिल हर कार पर ‘दुल्हन हम ले जाएंगे”, राहुल-अंजली के स्टीकर लगे थे, ताकि देखने वालों को लगे कि कोई बरात जा रही है।
तीन अगस्त को इनमें से एक टीम जालना के बाहरी इलाके में स्थित एक फार्म हाउस पर पहुंची और छापे की कार्रवाई शुरू की। जिन कंपनियों पर छापे मारे गए उनमें कालिका स्टील एलाय, श्री राम स्टील, फाइनेंसर विमल राज, एक डीलर प्रदीप बोरा एवं जालना का एक सहकारी बैंक श्ाामिल हैं। जिन स्टील कंपनियों पर छापे पड़े हैं, उनमें से एक की स्थापना 2003 में तो दूसरी की 1985 में हुई थी। एक साथ इतने प्रतिष्ठानों पर छापेमारी के बावजूद स्थानीय पुलिस को तीन दिन तक इन छापों की भनक तक नहीं लग पाई। इतनी बड़ी मात्रा में मिली नकदी को गिनने के लिए स्थानीय स्टेट बैंक की श्ााखा में ले जाया गया, जहां इसे गिनने में कुल 13 घंटे लगे।
बेड-अलमारी में छिपाकर रखी थी नकदी, हर पालीथिन में थे एक करोड़
फार्महाउस में छिपाकर रखी गई नकदी में 500-500 रुपये के नोट थे। इन्हें बेड और अलमारी में भरकर रखा गया था। अधिकारियों ने 30 से अधिक पालीथिन बरामद कीं। हर पालीथिन में एक करोड़ की नकदी थी। आइटी टीम ने एक बैंक लाकर से भी 28 करोड़ रुपये बरामद किए। दस्तावेजों की जांच अभी भी जारी है क्योंकि अधिकारियों का मानना है कि नकदी का एक बड़ा हिस्सा कहीं और स्थानांतरित कर दिया गया है।