भारत और पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) समेत सीमा के दूसरे सेक्टरों पर अब दोनों ही देश फायरिंग नहीं करेंगे। दोनों देश लंबे समय से जारी संघर्ष विराम उल्लंघन का दौर रोकने पर सहमत हो गए हैं। यह सहमति दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच हुई बातचीत में बनी। दोनों ने संयुक्त बयान जारी कर संघर्ष विराम समझौतों का कड़ाई से पालन करने की बात कही। यह सहमति 24-25 फरवरी की मध्यरात्रि से लागू हो गई है। इस बीच अमेरिका ने इसका स्वागत किया है।
भारत और पाकिस्तान के गंभीर उतार-चढ़ाव वाले रिश्तों के लिहाज से संघर्ष विराम का उल्लंघन नहीं करने पर बनी सहमति एक महत्वपूर्ण कदम है। सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक के मुहाने पर पहुंच चुके संबंधों के दौर में संघर्ष विराम समझौते का पालन करने की आपसी रजामंदी रिश्तों को ट्रैक पर लाने के प्रयासों का संकेत है। सीमा पर गोलीबारी का सिलसिला रोकने पर बनी सहमति को लेकर सेना की ओर से जारी बयान में दोनों डीजीएमओ के बीच हाटलाइन पर हुई बातचीत का हवाला दिया गया।
संघर्ष विराम पर अमल को लेकर बनी इस ताजा सहमति के संदर्भ में पाकिस्तानी सेना ने भी इस्लामाबाद में इसी तरह का बयान जारी किया। सीमा पर श्ाांति की दिश्ाा में हो रही इस श्ाुरुआत को आगे बढ़ाने में अड़चन से बचने के लिए भी दोनों डीजीएमओ ने दोहराया कि किसी भी अप्रत्याश्ाित स्थिति या गलतफहमी का हल निकालने के लिए हाटलाइन संपर्क और बार्डर फ्लैग मीटिग के मौजूदा तंत्र का उपयोग किया जाएगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए 2003 से ही संघर्ष विराम समझौता लागू है। मगर पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से आतंकवाद को प्रोत्साहित करने की निरंतर रणनीति के चलते इसका पालन काफी कम हुआ है। पिछले कुछ वर्षों से तो एलओसी पर संघर्ष विराम उल्लंघन और भारी हिंसक गोलीबारी का सिलसिला तो थमने का नाम ही नहीं ले रहा था।
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति भवन ‘व्हाइट हाउस” के प्रेस सचिव ने न्यूज ब्रीफिंग में कहा, ‘दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम है जो हमारे साझा हित में है और हम दोनों देशों को इस प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।”