नई दिल्ली। भारतीय उच्चायोग ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट को सूचित किया है कि कुलभूषण जाधव के लिए क़ानूनी प्रतिनिधि नियुक्त करने के संबंध में दिल्ली में बातचीत जारी है और इस आशय का फैसला अगले दो-तीन हफ्ते में कर लिया जाएगा। भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक़, चीफ़ जस्टिस अतहर मिनाल्लाह की अध्यक्षता वाली जस्टिस आमिर फ़ारूक़ और जस्टिस मियां गुल हसन औरंगज़ेब की एक लार्ज बेंच ने कुलभूषण जाधव को कानूनी मदद के प्रावधान संबंधी विधि और न्याय मंत्रालय के मामले पर सुनवाई की है। एटॉर्नी जनरल ख़ालिद जावेद ख़ान ने पाकिस्तान सरकार का पक्ष रखा, वहीं बैरिस्टर शाह नवाज़ नून भारतीय उच्चायोग की ओर से अदालत में मौजूद थे। सुनवाई के दौरान चीफ़ जस्टिस ने बैरिस्टर शाह नवाज़ नून से कुलभूषण जाधव मामले में भारत का पक्ष जानना चाहा। इस पर बैरिस्टर शाह नवाज़ नून ने उन्हें बताया कि दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय में बैठकें जारी हैं और आग्रह किया कि इस मामले पर जवाब के लिए उन्हें तीन हफ्ते का वक्त दिया जाए। सुनवाई के दौरान चीफ़ जस्टिस अतहर मिनाल्लाह ने कहा, ये हमारी ज़िम्मेदारी है कि कुलभूषण के मामले में निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित की जाए और अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले पर हर क़ीमत पर अमल किया जाए। पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ख़ालिद ख़ान ने कहा कि उनका देश कुलभूषण जाधव को काउंसलर ऐक्सेस मुहैया कराने का इच्छुक है। एक अन्य मामले में भारतीय कै़दी मोहम्मद इस्माइल की रिहाई के बारे में कोर्ट ने कहा कि सज़ा पूरी होने पर कै़दी को रिहा किया जाना चाहिए।
इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को ऑफि शियल सीक्रेट एक्ट के तहत इस मामले को देखने की ज़रूरत है और कोर्ट को अगली सुनवाई के दौरान इस बारे में बताया जा सकेगा। कोर्ट ने कुलभूषण जाधव मामले और मोहम्मद इस्माइल की रिहाई संबंधी सुनवाई अगले साल 14 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।